
आपातकाल की 50वीं बरसी पर देवघर में भाजपा द्वारा गोष्ठी एवं प्रेस वार्ता आयोजित
लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हुई चर्चा, 1975 का काला दौर याद किया
तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपनी सत्ता बचाने के लिए देश पर आपातकाल थोपा: भानु प्रताप शाही
देवघर। बुधवार को भारतीय जनता पार्टी देशभर में आपातकाल के 50 वर्ष पूरे होने पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर रही है। इसी कड़ी में देवघर में भाजपा जिला अध्यक्ष सचिन रवानी की अध्यक्षता में स्थानीय मनोरमा इंटरनेशनल होटल के सभागार में आपातकाल की 50 वीं वर्षगांठ पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष पूर्व विधायक भानुप्रताप शाही मुख्य वक्ता के रूप में मौजूद थे। पंडित दीनदयाल उपाध्याय एवं डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के चित्र पर माल्यार्पण कर आयोजित प्रेस वार्ता में भानू प्रताप शाही ने कहा कि 25 जून 1975 को भारतीय लोकतंत्र का काला दिन बताया। उन्होंने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपनी सत्ता बचाने के लिए देश पर आपातकाल थोपा, लाखों लोगों को जेल में डाला गया, उन पर अत्याचार किए गए। उन्होंने कहा कि गांधी परिवार की मानसिकता हमेशा देश के खिलाफ रही है। आज राहुल गांधी संविधान लेकर घूमते हैं, लेकिन नए कानूनों का विरोध कर उसे फाड़ने की मानसिकता दिखाते हैं। युवाओं को भारतीय इतिहास की सही जानकारी देना जरूरी है। पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार ने धारा 370 और 35 ए को खत्म कर ऐतिहासिक कदम उठाया। उन्होंने अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण का उल्लेख करते हुए कहा कि जो लोग कहते थे मंदिर वहीं बनाएंगे, तारीख नहीं बताएंगे उन्हें भी करारा जवाब मिला है। कार्यक्रम का उद्देश्य आपातकाल के काले अध्याय को वर्तमान पीढ़ी के सामने लाना था। कांग्रेस ने सिर्फ सत्ता की खातिर देश के लोकतांत्रिक ढांचे को कुचला। आज जरूरत है कि हम सब जागरूक होकर सच्चाई को पहचानें और लोकतंत्र की रक्षा करें।

आपातकाल लोकतंत्र का सबसे अंधकारमय दौर था। आपातकाल के दौरान अभिव्यक्ति की आजादी और प्रेस की स्वतंत्रता को कुचल दिया गया। नागरिक अधिकारों पर प्रहार किया गया। इससे आम जनता भय और दहशत में जीने को मजबूर हुई। आपातकाल की घोषणा से स्वतंत्रता समेत सभी मौलिक अधिकारों, सभा के अधिकारों को निलंबित कर दिया गया। प्रेस पर पूरे तौर पर सेंसरशिप लागू की गई। न्यायपालिका की कार्यकारी कार्रवाई की समीक्षा की शक्ति को भी सीमित कर दिया गया। सभी लोकतांत्रिक परंपराओं का हनन करते हुए जयप्रकाश नारायण, लालकृष्ण आडवाणी, अटल बिहारी वाजपेयी समेत विपक्षी नेताओं की गिरफ्तारी का आदेश दिया। संजय गांधी के कुख्यात नसबंदी अभियान के तहत जनसंख्या नियंत्रण के नाम पर गरीब और हाशिए पर रहने वाले समुदायों के लाखों पुरुषों की जबरन नसबंदी की गई। अचानक लागू किया गया आपातकाल भी लगभग उसी तरीके से समाप्त हुआ। प्रेस वार्ता सह गोष्ठी में मंच पर जिला अध्यक्ष सचिन रवानी, पूर्व विधायक नारायण दास, मिडिया प्रभारी सचिन सुल्तानिया, सोशल मीडिया प्रभारी सह मीडिया प्रभारी अमृत मिश्रा मौजूद थे। मौके पर गोष्ठी में वक्ताओं ने युवा पीढ़ी को आपातकाल के बारे में जागरूक करने पर जोर दिया। साथ ही लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए जन-जागरूकता का आह्वान किया। उसके बाद आपातकाल के समय जेल जाने वाले नारायण टेकरीवाल, योगीनाथ झा, गौरीशंकर शर्मा को सम्मानित किया गया। नारायण टिबड़ेवाल ने आपातकाल के समय के बारे बताया और उनके साथ जो बीता उसकी जानकारी दी। गोष्ठी में मंच पर प्रदेश उपाध्यक्ष सह पूर्व विधायक भानू प्रताप शाही, पूर्व विधायक नारायण दास, पूर्व मंत्री राजपलिवार, प्रदेश मंत्री गणेश मिश्रा, जिला अध्यक्ष सचिन रवानी, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य रीता चौरसिया, संजीव जजवाड़े, विशाखा सिंह, दिलीप सिंह, दिवाकर गुप्ता, नवल राय, नारायण टिबड़ेवाल, योगीनाथ झा, चौकीदार झा, गौरीशंकर शर्मा, विपिन देव, सीताराम पाठक, मौजूद थे।

कार्यक्रम में मौजूद भाजपा नेता व कार्यकर्ता
कार्यक्रम में जिला उपाध्यक्ष डॉ राजीव रंजन सिंह, प्रज्ञा झा, जिला मंत्री विजया सिंह, चंद्रशेखर खवाड़े, मिडिया प्रभारी सचिन सुल्तानिया, अमृत मिश्रा, विनय चंद्रवंशी, सुलोचना देवी, कार्यालय प्रभारी धनंजय तिवारी, सह प्रभारी निरंजन देव, रूपा केशरी, सिमरा मंडल अध्यक्ष विष्णु राउत, नगर धनंजय खवाड़े, पंकज सिंह भदोरिया, संजय राय, ललन दुबे, मिथलेश यादव, बबलू पासवान, सोनाधारी झा, निर्मल मिश्रा, सीएन दुबे, निरज प्रकाश, बम बम दुबे, बिट्टू पांडेय, उमाशंकर प्रजापति, भूषण सोनी, अंश देव, अशोक यादव, मिथलेश सिन्हा, गौतम राय, जगन्नाथ यादव, सरिता बरनवाल, मिथिलेश शर्मा, सौरभ पाठक, सौरभ कश्यप, अलका सोनी, संध्या कुमारी, प्रेमलता वर्णवाल, कुसुम सिंह, राजन सिंह, ईश्वर राय, राजेश मंडल सहित अन्य भाजपा कार्यकर्ता मौजूद थे।









