देवघर के कोठिया मैदान में शिव महापुराण कथा के चतुर्थ दिवस भक्तों का सैलाब उमड़ा, गौरंगी गौरी और पंडित प्रदीप मिश्रा ने दिए संस्कार के संदेश, 19 नवंबर को आएंगे योग गुरु बाबा रामदेव

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📝 देवघर के कोठिया मैदान में शिव महापुराण कथा के चतुर्थ दिवस भक्तों का सैलाब उमड़ा। गौरंगी गौरी और पंडित प्रदीप मिश्रा ने दिए संस्कार के संदेश। 19 नवंबर को आएंगे योग गुरु बाबा रामदेव।

 

 

 

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📰 सात दिवसीय शिव महापुराण कथा चतुर्थ दिवस: कोठिया मैदान में उमड़ा आस्था का सैलाब, बढ़ती भीड़ से बन रहे भगदड़ जैसे हालात

देवघर। विट्ठलेश सेवा समिति सीहोर के तत्वावधान में देवघर के कोठिया मैदान में चल रही सात दिवसीय शिव महापुराण कथा का चतुर्थ दिवस सोमवार को अत्यंत भव्य और आस्था से परिपूर्ण रहा। सुबह से ही कथा स्थल पर भक्तों का सैलाब उमड़ने लगा था। धीरे-धीरे भीड़ इतनी बढ़ी कि कई बार भगदड़ जैसे हालात भी बनते दिखाई दिए। इसके बावजूद भक्तों का उत्साह कम नहीं हुआ और सभी ने भक्तिभाव से कथा का रसपान किया।

 

 

 

🔱 गौरी गौरंग ने किया कथा वाचन—बेटियों के संस्कार और सम्मान पर विशेष जोर

 

चतुर्थ दिवस के मुख्य आकर्षण के रूप में वृंदावन की लोकप्रिय कथा वाचिका गौरी गौरंग जी ने कथा का दिव्य रसपान कराया।

उन्होंने अपने उद्बोधन में विशेष रूप से बेटियों को शिक्षित, संस्कारी और आत्मनिर्भर बनने का संदेश दिया।

 

गौरंगी गौरी ने मंच से कहा—

 

“बेटियां आज आसमान की ऊंचाईयों को छू रही हैं।”

 

“बेटियां सब कुछ करें लेकिन अपने भीतर संस्कारों की ज्योति अखंड रखें।”

 

“माता–पिता को कन्यादान करने का पुण्य अवसर अवश्य दें।”

 

 

उनके इन प्रेरक शब्दों ने कथा पंडाल में उपस्थित हजारों महिलाओं व युवतियों को भावविभोर कर दिया।

 

 

 

 

🕉️ सिहोर वाले बाबा प्रदीप मिश्रा ने दिया आशीर्वाद, संस्कारों की अनिवार्यता पर बल

 

कथा में उपस्थित भागवत भूषण सिहोर वाले पंडित प्रदीप मिश्रा जी महाराज ने गौरांगी गौरी के संदेश का समर्थन करते हुए माता–पिता की भूमिका पर प्रकाश डाला।

 

उन्होंने कहा—

 

माता–पिता ही संतान के प्रथम गुरु होते हैं।”

 

“अच्छे संस्कार ही व्यक्ति को जीवन में ऊँचा उठाते हैं, इसलिए बच्चों को संस्कार देना हर माता-पिता का परम कर्तव्य है।”

 

 

इस अवसर पर महाराज श्री ने गौरांगी गौरी को बेलपत्र एवं अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया। साथ ही प्रसिद्ध समाजसेवी रीता चौरसिया, कथा के यजमान ध्रुव सिंह, और अन्य श्रद्धालुओं को भी आशीर्वाद स्वरूप बेल पत्र प्रदान किया।

 

 

 

 

🎶 भजनों की दिव्य धुन पर झूम उठे भक्त

 

चतुर्थ दिवस की कथा का सबसे भावपूर्ण क्षण तब आया जब महाराज श्री ने मंच से भगवान भोलेनाथ की स्तुति में मधुर भजन गाया—

कर दिया मलामाल काशी वाले ने…”

“बाबा हम हैं तेरे भरोसे…”

 

“बाबा अब दे दो मौका, हम हैं तेरे भरोसे…”

 

 

इन भजनों ने पूरे पंडाल को शिवमय कर दिया।

हजारों की संख्या में उपस्थित श्रद्धालु तालियों और जयघोषों के साथ झूम उठे।

कथा, भजन और सत्संग का कार्यक्रम देर रात तक चलता रहा।

 

 

 

🔥 महाराज श्री ने बताया बाबा बैद्यनाथ सहित अन्य ज्योतिर्लिंगों का महत्व

 

अपने दिव्य प्रवचन में पंडित प्रदीप मिश्रा जी ने शिव महापुराण में वर्णित विभिन्न ज्योतिर्लिंगों की महिमा का विस्तार से वर्णन किया। उन्होंने विशेष रूप से—

 

बाबा बैद्यनाथ धाम

 

काशी विश्वनाथ

 

त्र्यंबकेश्वर

 

महाकालेश्वर उज्जैन

 

 

का महत्व बताया और बताया कि शिवत्व केवल पूजा नहीं बल्कि जीवन पथ का आदर्श है।

 

उन्होंने कहा—

“देख लिया कि बाबा बैद्यनाथ कितना असर रखते हैं। सच यह है कि वे अपने समर्थ भक्तों पर सदैव कृपा दृष्टि रखते हैं।”

 

 

 

 

🌊 आस्था का सैलाब—हर दिन बढ़ रही भीड़, प्रशासन सतर्क

 

सात दिवसीय कथा के चौथे दिन भक्तों का सैलाब पहले से कई गुना अधिक देखा गया।

कई बार भीड़ इस हद तक बढ़ जाती कि प्रशाल में भगदड़ जैसे हालात बन रहे थे।

आयोजक समिति व प्रशासन लगातार भीड़ को नियंत्रित करने और सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने में जुटे रहे।

 

कथा स्थल पर— अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी, वॉलंटियर्स, अलग-अलग प्रवेश व निकास द्वार, बैरिकेडिंग, चिकित्सा दल, भंडारा दल, तैनात किए गए हैं।

 

 

 

🎉 विशेष घोषणा: 19 नवंबर को कथा स्थल आएंगे योग गुरु बाबा रामदेव

 

चतुर्थ दिवस का सबसे बड़ा आकर्षण वह घोषणा रही, जिसमें बताया गया कि

19 नवंबर को कथा के षष्टम दिवस पर योग ऋषि स्वामी रामदेव जी महाराज देवघर पहुंचेंगे।

 

वे— कथा श्रवण करेंगे और पंडित प्रदीप मिश्रा जी से आशीर्वाद लेंगे साथ ही लाखों भक्तों को संबोधित करेंगे और आशीर्वाद देंगे। बाबा बैद्यनाथ धाम की महिमा पर अपने विचार रखेंगे। यह सुनते ही पूरा पंडाल तालियों से गूंज उठा।

 

बताया गया कि कथा का प्रथम निमंत्रण करीब 40 दिन पहले स्वामी रामदेव जी को दिया गया था, जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार किया।

इतने अल्प समय में उनका देवघर आगमन होना—

दो संतों के परम पुरुषार्थ और पुण्य भाव का जीवंत शिवत्व” बताया गया।

 

 

 

🟣 बाबा रामदेव जी के साथ आएंगे कई विशिष्ट अतिथि

 

स्वामी रामदेव जी के साथ निम्न विशेष अतिथि भी देवघर पहुंचेंगे—

 

डॉ. साध्वी देवप्रिया जी, प्रमुख – महिला पतंजलि योग समिति

 

डॉ. ऋतुम्बरा शास्त्री, डीन – आचार्यकुलम, हरिद्वार

 

श्री प्रमोद जोशी, CEO – आस्था चैनल

 

श्री ललित पोफले, वरिष्ठ वित्तीय सलाहकार

 

भाई राजेश शिमलावाला, उद्योगपति

 

श्री एस. के. तिजारावाला, प्रवक्ता – पतंजलि योग पीठ

 

 

इन सभी के आगमन से कथा का प्रभाव और अधिक बढ़ने वाला है।

 

 

 

🛕 देवघर बना शिवत्व का जीवंत केंद्र

 

चतुर्थ दिवस की कथा ने यह स्पष्ट कर दिया कि देवघर की यह शिव महापुराण कथा केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि— आस्था का महासंगम, संस्कारों की पाठशाला, भक्ति का पर्व, दो महान संतों की दिव्य ऊर्जा का केंद्र बन चुकी है।

 

यह आयोजन न केवल झारखंड, बल्कि पूरे भारत से आए भक्तों के लिए आध्यात्मिक शक्ति का स्रोत साबित हो रहा है।

 

 

 

🏁 निष्कर्ष: भक्तिभाव और उत्साह के साथ चतुर्थ दिवस सफल, अब प्रतीक्षा है षष्टम दिवस की

 

सात दिवसीय शिव महापुराण कथा का चतुर्थ दिन अत्यंत सफल, अनुशासित, प्रेरणादायी और भक्ति से ओतप्रोत रहा।

बढ़ती भीड़, भक्ति की लहर, दिव्य भजनों की धुन और पंडित प्रदीप मिश्रा जी का सरल व मधुर प्रवचन—इन सबने कोठिया मैदान को शिवमय बना दिया।

 

अब सबकी निगाहें 19 नवंबर पर टिकी हैं,

जब योग गुरु स्वामी रामदेव जी महाराज देवघर की इस पावन कथा में उपस्थित होकर शिवभक्तों को आशीर्वाद देंगे।

 

Baba Wani
Author: Baba Wani

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