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देवघर सिविल कोर्ट के अधिवक्ता सरोज कुमार झा का रांची में निधन। ब्रेन हेमरेज के बाद इलाज के दौरान मौत। पूर्व मंत्री बादल पत्रलेख ने जताया गहरा दुख।
सारठ/देवघर — शोक संदेश
देवघर जिले के न्यायिक समुदाय तथा सामाजिक क्षेत्र के लिए आज का दिन अत्यंत दुखद साबित हुआ। देवघर सिविल कोर्ट के वरिष्ठ एवं प्रतिष्ठित अधिवक्ता श्री सरोज कुमार झा का आज रांची के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया। कुछ दिनों पूर्व आए ब्रेन हेमरेज के कारण उनकी हालत गंभीर हो गई थी, जिसके बाद उन्हें तत्काल रांची ले जाकर भर्ती कराया गया था। परंतु डॉक्टर्स के लगातार प्रयासों के बावजूद आज उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर से देवघर में शोक की लहर दौड़ गई।
तीन दिन पहले हुआ था ब्रेन हेमरेज
परिजनों के अनुसार, अधिवक्ता सरोज कुमार झा को तीन दिन पूर्व अचानक स्वास्थ्य जटिलता महसूस हुई। उनकी जांच के बाद डॉक्टर्स ने बताया कि उन्हें ब्रेन हेमरेज हुआ है। स्थिति बिगड़ने पर तुरंत रांची के एक प्रतिष्ठित निजी अस्पताल में शिफ्ट किया गया। वहां डॉक्टरों की टीम निरंतर निगरानी में उनका उपचार कर रही थी, लेकिन रविवार को उनकी हालत और नाजुक हो गई, जिसके चलते आज उनका निधन हो गया।
देवघर जिला अधिवक्ता संघ में शोक की लहर
उनके निधन की सूचना मिलते ही देवघर जिला अधिवक्ता संघ में शोक की लहर फैल गई। कई अधिवक्ताओं एवं न्यायालय से जुड़े लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि सरोज झा व्यवहार कुशल, ईमानदार और कानून की गहरी समझ रखने वाले अधिवक्ता थे। कोर्ट परिसर में काम करने वाले कर्मचारियों, जूनियर साथियों और न्यायिक सेवा से जुड़े अन्य लोगों ने भी इस दुखद घटना पर गहरी संवेदना व्यक्त की।
पूर्व कृषि मंत्री बादल पत्रलेख के फुफेरे भाई थे सरोज झा
उल्लेखनीय है कि दिवंगत अधिवक्ता सरोज कुमार झा, झारखंड के पूर्व कृषि मंत्री बादल पत्रलेख के फुफेरे भाई थे और उनका पैतृक निवास स्थान सारठ था। परिवार में उनके निधन से मातम पसरा हुआ है।
बादल पत्रलेख ने कहा— “आज मैंने अपने प्रिय भैया को खो दिया”
पूर्व कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने अपने शोक संदेश में गहरी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा:
“सरोज भैया के असामयिक निधन से मैं बेहद आहत हूं। आज हमने अपने परिवार के अत्यंत प्रिय सदस्य को खो दिया। वे निष्ठावान, ईमानदार, सामाजिक और सहयोगी स्वभाव के व्यक्ति थे। उनका जाना न केवल हमारे परिवार बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए अपूरणीय क्षति है।”
उन्होंने ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति और शोक संतप्त परिजनों तथा चाहने वालों को इस कठिन समय में साहस प्रदान करने की प्रार्थना की।
सामाजिक और न्यायिक क्षेत्र में सक्रिय भूमिका
अधिवक्ता सरोज कुमार झा केवल विधिक क्षेत्र में ही नहीं, बल्कि सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय थे। वे अक्सर जनहित के विषयों पर आगे बढ़कर काम करते थे और लोगों के बीच उनकी छवि सरल, सहज एवं सुलभ व्यक्ति की रही है। वर्षों से वे देवघर कोर्ट में बतौर अधिवक्ता अपनी सेवाएं दे रहे थे और कई जटिल मामलों में अपनी कानूनी दक्षता के लिए जाने जाते थे।
उनके सहयोगी अधिवक्ताओं ने बताया कि वे हमेशा युवा वकीलों को मार्गदर्शन देते थे और न्याय व्यवस्था में उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।
परिजनों और परिचितों का रो-रोकर बुरा हाल
निधन की खबर जैसे ही उनके पैतृक गांव सारठ व देवघर पहुंची, परिचितों तथा परिजनों के बीच शोक की लहर दौड़ गई। बड़ी संख्या में लोग अस्पताल और उनके आवास पर पहुंचकर शोक व्यक्त करने लगे। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
समाज के लिए अपूरणीय क्षति
स्थानीय बुद्धिजीवियों, जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों ने भी उनके निधन पर दुख व्यक्त किया है। उनका कहना है कि सरोज कुमार झा जैसे ईमानदार और सामाजिक सोच वाले व्यक्तियों की कमी को पूरा करना कठिन है। वे अक्सर समाजसेवा से जुड़े कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी निभाते थे।
अंतिम संस्कार की तैयारी
परिवार के सदस्यों ने बताया कि शव को रांची से सारठ लाया जाएगा, जहां उनके अंतिम संस्कार की तैयारी की जा रही है। अंतिम दर्शन के लिए बड़ी संख्या में लोग जुटने की संभावना है।
निष्कर्ष
देवघर और सारठ क्षेत्र के लिए अधिवक्ता सरोज कुमार झा का निधन एक गहरी क्षति है। उन्होंने न्यायिक सेवा, सामाजिक कार्यों और मानवीय मूल्यों को हमेशा प्राथमिकता दी। उनका जीवन अनुकरणीय रहा और उनकी याद हमेशा क्षेत्रवासियों तथा उनके चाहने वालों के हृदय में जीवित रहेगी।








