
📰 झारखंड राज्य स्थापना दिवस पर झारखंडी रंग में रंगी गिरिडीह – ढोल, नगाड़ा और पारंपरिक नृत्यों से गूंजा शहर
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झारखंड स्थापना दिवस 2025: गिरिडीह में निकला सांस्कृतिक जुलूस, झारखंडी परंपराओं की दिखी झलक
गिरिडीह में झारखंड राज्य स्थापना दिवस 2025 के अवसर पर भव्य सांस्कृतिक जुलूस निकाला गया। टॉवर चौक से कालीबाड़ी चौक तक ढोल, नगाड़ा और पारंपरिक नृत्यों से झूमे अधिकारी और कलाकार।
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झारखंड राज्य स्थापना दिवस पर निकली झारखंडी झलक – गिरिडीह में ढोल, नगाड़ा और लोकनृत्यों की धूम
गिरिडीह। झारखंड राज्य स्थापना दिवस 2025 के रजत जयंती वर्ष पर बुधवार को जिला मुख्यालय गिरिडीह झारखंडी रंग में रंग गया। इस अवसर पर जिला प्रशासन की ओर से टॉवर चौक से कालीबाड़ी चौक तक भव्य सांस्कृतिक जुलूस निकाला गया, जिसमें झारखंड की पारंपरिक लोकसंस्कृति, नृत्य और संगीत की झलक देखने को मिली।
जुलूस में ढोल-नगाड़ों की थाप, झांझ की गूंज और पारंपरिक गीतों की लय पर कलाकारों ने झारखंडी परंपरा की अद्भुत छवि प्रस्तुत की। सड़क किनारे बड़ी संख्या में लोग सांस्कृतिक झांकियों और नृत्य प्रस्तुतियों को देखने उमड़े।
पारंपरिक परिधानों में झूमे कलाकार और अधिकारी
कार्यक्रम में सरजेसी बोस मुख्यमंत्री बालिका उत्कृष्ट विद्यालय की छात्राओं ने पारंपरिक परिधानों में लोकनृत्य प्रस्तुत कर सबका दिल जीत लिया। कलाकारों ने ‘झारखंडी जनजीवन’, ‘आदिवासी संस्कृति’ और ‘जनजातीय परंपराओं’ को मंच पर जीवंत कर दिया।
ढोल-नगाड़े की थाप पर उपायुक्त रामनिवास यादव, उपविकास आयुक्त स्मृति कुमारी, सदर अनुमंडल पदाधिकारी श्रीकांत यशवंत विस्पुते, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी अंजना भारती सहित अन्य पदाधिकारी भी थिरकते नजर आए। सभी ने जनभागीदारी के इस उत्सव को झारखंडी गौरव के रूप में सराहा।
लोकगीतों और नृत्यों से झलकी झारखंड की परंपरा
सांस्कृतिक जुलूस में शामिल कलाकारों ने छऊ नृत्य, डोमकच, जावा नाच और अन्य जनजातीय नृत्यों की प्रस्तुति दी। लोकगीतों और झारखंडी वाद्ययंत्रों की धुन पर नृत्य कर रहे समूहों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। पूरा गिरिडीह शहर झारखंडी धुनों से गूंज उठा।
लोगों ने कहा कि यह उत्सव न सिर्फ मनोरंजन का माध्यम है बल्कि यह झारखंड की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को जीवंत रखने का एक सार्थक प्रयास है।
उपायुक्त बोले – ‘जागरूकता ही सशक्त समाज की नींव’
मौके पर उपायुक्त रामनिवास यादव ने कहा कि झारखंड स्थापना दिवस का उद्देश्य राज्य की गौरवशाली परंपरा के साथ-साथ सरकार की उपलब्धियों और विकास यात्रा को आम जनता तक पहुंचाना है।
उन्होंने कहा —
> “यह उत्सव जनभागीदारी, जागरूकता और विकास के संकल्प का प्रतीक है। सरकार की योजनाओं की जानकारी प्रत्येक नागरिक तक पहुंचाना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। जागरूकता ही सशक्त समाज की नींव है।”
उपायुक्त ने बताया कि जागरूकता रथ और नुक्कड़-नाटक के माध्यम से जनता को विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं जैसे बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, पोषण अभियान, प्रधानमंत्री आवास योजना और जल जीवन मिशन के बारे में जागरूक किया जा रहा है।
ग्रामीण इलाकों तक पहुंचेगी योजनाओं की जानकारी
जिला जनसंपर्क पदाधिकारी अंजना भारती ने बताया कि नुक्कड़-नाटक और गीत-संगीत के माध्यम से ग्रामीणों को सरल भाषा में सरकारी योजनाओं की जानकारी दी जा रही है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी पात्र व्यक्ति सरकार की योजनाओं से वंचित न रहे।
उन्होंने कहा कि झारखंड की संस्कृति में जो एकता, सहयोग और परिश्रम की भावना है, वही राज्य को विकास की नई ऊँचाइयों तक ले जा सकती है।
जनभागीदारी बनी कार्यक्रम की सफलता की कुंजी
स्थानीय लोगों ने कहा कि झारखंड राज्य स्थापना दिवस का यह आयोजन सांस्कृतिक एकता और सामाजिक सौहार्द का बेहतरीन उदाहरण है। इस कार्यक्रम ने साबित किया कि झारखंड की पहचान सिर्फ संसाधनों से नहीं, बल्कि उसकी समृद्ध संस्कृति और लोगों की एकजुटता से है।

📸 कार्यक्रम की मुख्य झलकियाँ:
टॉवर चौक से कालीबाड़ी चौक तक आकर्षक सांस्कृतिक जुलूस
ढोल, नगाड़ा और पारंपरिक झारखंडी नृत्यों की शानदार प्रस्तुति
छात्राओं और कलाकारों ने पारंपरिक वेशभूषा में किया प्रदर्शन
उपायुक्त और अन्य अधिकारी भी शामिल हुए उत्सव में
जागरूकता रथ एवं नुक्कड़ नाटक से लोगों को बताया जा रहा योजनाओं का महत्व
निष्कर्ष:
गिरिडीह में झारखंड राज्य स्थापना दिवस 2025 का यह आयोजन झारखंडी संस्कृति, लोककला और विकास की भावना का संगम साबित हुआ। लोकनृत्यों और गीतों के जरिए जहां संस्कृति का प्रचार हुआ, वहीं सरकारी योजनाओं की जानकारी देकर प्रशासन ने जनजागरण का संदेश भी दिया।









