अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के साथ चार दिवसीय छठ का तीसरा दिन संपन्न

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के साथ चार दिवसीय छठ का तीसरा दिन संपन्न

देवघर। आज सोमवार को देशभर में लोक आस्था का महापर्व छठ का त्योहार मनाया जा रहा है। हिंदू धर्म में छठ पूजा का विशेष महत्व होता है। यह चार दिनों तक चलता है, जिसमें तीसरे दिन का विशेष महत्व होता है। जहां पर संध्या अर्घ्य देकर सूर्य उपासना और छठी मईया की पूजा होती है। इस दिन व्रती घाट पर एकत्रित होकर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हैं‌। साथ ही कंचन काया व सुख समृद्धि की कामना करते हैं। विशेष कर बिहार, झारखंड व यूपी में सूर्योपासना के 36 घंटे के निर्जला व्रत के इस कठिन तप का विशेष महत्व है। कल मंगलवार को अहले सुबह भगवान भास्कर को अर्घ्य दान के छठ महापर्व संपन्न होगा।

हर कोई भगवान भास्कर की आराधना में लीन हो गया 

इसी सिलसिले में देवघर सहित अन्य जगहों पर छठ महापर्व के तीसरा दिन नदी, तालाब सहित घरों जलाशय बना कर भक्तों द्वारा आज अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दान किया।  शहर के डढ़वा नदी, माथा बांध, शिवगंगा, नवलखा, नौका तालाब रोहिणी सहित ग्रामीण क्षेत्रों के अजय नदी, कदैय नदी, जयंती नदी, पतरो नदी सहित अन्य जलाशय में अर्घ्य दान करने के लिए छठव्रतियों व महिला, पुरूष, युवा व नन्हे भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन सहित छठ पूजा सेवा समिति की ओर से सुरक्षा व सुविधा का विशेष इंतजाम किया गया है। दोपहर बाद से ही सड़क सुनसान और बाजार बंद था। था बस छठ माता के भक्तों की भीड़। हर कोई भगवान भास्कर की आराधना में लीन हो गया था।

राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु सहित अन्य गणमान्य ने किया अर्घ्य दान 

छठ महापर्व के तीसरे दिन आज संध्या अर्घ्य के मौके पर देश की राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु सहित अन्य गणमान्य ने दिल्ली में अर्घ्य दान किया। देश के इसके अलावा विभिन्न छठ घाटों पर अन्य गणमान्य लोगों सहित आम से खास भक्तों ने अर्घ्य दान किया।

डॉ राहुल चौरसिया पहली बार कर रहे छठ

धर्म आस्था के पवित्र चार दिवसीय छठ महापर्व को लेकर छठ माता के भक्तों का अलग अलग स्वरूप व भक्तों की भक्ति नजर आती है। इसी सिलसिले में देवघर शहर के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ राहुल चौरसिया छठ माता की महिमा से मन में इच्छा जागृत होने पर पहली बार छठ व्रत कर रहे हैं। उन्होंने व्रत के कठिन नियमों का पालन करते हुए अपने परिजनों व शुभचिंतकों के साथ रोहिणी नौका बांध में आज अस्ताचलगामी सूर्य भगवान भास्कर को अर्घ्य दान किया। डॉ राहुल चौरसिया बताते हैं कि यह छठ माता की महिमा है कि मन में छठ व्रत करने की इच्छा जागृत हुई और हमने परिजनों के सहयोग से आज व्रत को पूर्ण करने की ओर अग्रसर हुं। कल उदयगामी सूर्य को अर्घ्य दान दिए जाने के साथ व्रत संपन्न होगा। पहली बार निर्जला व्रत करने पर भी मुझे छठ माता के आर्शीवाद से मैं सामान्य दिनों की तरह अपने को महसूस कर रहा हूं।

दीपावली के छठवें दिन मनाया जाता है छठ

हिंदू धर्म में छठ पर्व का विशेष महत्व होता है। यह त्योहार हर वर्ष दीपावली के छठवें दिन मनाया जाता है। छठ पूजा का उत्सव चार दिनों तक चलता है। इसकी शुरुआत कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से होती है और समापन शुक्ल पक्ष सप्तमी को होता है। छठ पर्व के तीसरे दिन यानी कार्तिक शुक्ल षष्ठी तिथि को शाम के समय सूर्यदेव को संध्या अर्घ्य दिया जाता है। इस दिन शाम को बांस की टोकरी में कई तरह के फल, ठेकुआ और चावल के लड्डू को एकत्रित करते हैं। फिर सूप में इसे सजाया जाता है। इसके बाद शाम को सूर्यास्त पर व्रती अपने परिवार के सदस्यों के साथ सूर्य को अर्घ्य देते हैं। अर्घ्य के समय सूर्यदेव को दूध, जल और गंगाजल अर्पित करते हैं। साथ ही प्रसाद से भरे सूप से छठी मैया की पूजा की जाती है। दीपक जलाकर सूर्यदेव और छठी मईया की आरती करते हुए गीत गाया जाता है व्रत कथा सुनी जाती है। महिलाएं  नाक तक सिंदूर लगाती हैं। जिसका धार्मिक और वैज्ञानिक कारण भी है।

दोस्तों, रिश्तेदारों और परिजनों को भेजी जाती है छठ की शुभकामना

आज छठ महापर्व है। हर वर्ष कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि पर छठ पूजा का त्योहार मनाया जाता है। इस तिथि पर सूर्य के अस्त होने पर अर्घ्य देने की परंपरा होती है। छठ पूजा चार दिनों का पर्व होता है। छठ पर्व पर व्रती 36 घंटे तक चलने वाले निर्जला उपवास में सूर्यदेव की उपासना और छठ मैया की पूजा करने विशेष महत्व होता है। छठ पर्व पर दोस्तों, रिश्तेदारों और परिजनों को छठ की शुभकामनाएं भेजी जाती है।

Baba Wani
Author: Baba Wani

Leave a Comment

और पढ़ें