
रिमझिम फुहारों के बीच शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के पूजा पंडालों व मंदिरों से निकला विसर्जन जुलूस
अश्रुपूरित नेत्रों से दी गई मां दुर्गा को विदाई, प्रतिमा का किया गया विसर्जन
विशनपुर में कंधे पर मां दुर्गा सहित अन्य देवी देवता की प्रतिमा लादकर कदमा तालाब में प्रतिमा विसर्जन करने की रही है परंपरा
देवघर। नवरात्र के मौके पर नौ दिनों तक मां दुर्गा की पूजा अर्चना करने के बाद दसवें दिन विजयादशमी के मौके पर जिले के विभिन्न पूजा पंडालों व मंदिरों में मेला का आयोजन किया गया। साथ ही रिमझिम बारिश के बीच शहर के विभिन्न पूजा पंडालों व मंदिरों में स्थापित किए गए मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन जुलुस निकाला गया और अश्रुपूरित नेत्रों से मां दुर्गा को विदाई दी गई।

विसर्जन जुलूस में महिला, पुरुष, बच्चे ढ़ोल नागाड़े और भक्ति गीतों पर झूमते नजर आये। इस दौरान पूरा इलाका जय दुर्गे, जय मां मायरे जय जैसे जयघोष से गुंजायमान हो उठा। इसी क्रम में राजा मर्दन सिंह द्वारा स्थापित सारवां के विशनपुर दुर्गा मंदिर से मां की प्रतिमा का विसर्जन सारवां के कदमा तालाब में किया गया। यहां खास परंपरा यह रही है कि राजा मर्दन सिंह के समय से विशनपुर मंदिर से मां दुर्गा, भगवान गणेश, मां लक्ष्मी, भगवान कार्तिकेय व मां सरस्वती की प्रतिमा भक्तों द्वारा कंधे पर लादकर लगभग तीन किमी की दूरी तय कर कदमा तालाब में विसर्जित करते हैं। वहीं प्रशासन के द्वारा विसर्जन के दौरान बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती भी की गई थी।










