
श्रील फाउंडेशन के प्रयास से परिवार से बिछुड़ी छत्तीसगढ़ की महिला बोधनी को मिला आश्रय
जिला प्रशासन व श्रील फाउंडेशन के सहयोग से परिजनों से हुई महिला की बात
पुत्र ने शीघ्र देवघर आकर मां को घर ले आने का दिया आश्वासन
देवघर। मानवीय सेवा और सामाजिक जिम्मेदारी का निर्वाह करते हुए श्रील फाउंडेशन ने एक बार फिर यह साबित किया है कि समाज में जरूरतमंद और बेसहारा लोगों की मदद करना ही संस्था का मूल उद्देश्य है। विगत 17 सितंबर को श्रील फाउंडेशन द्वारा संचालित भोजन सेवा केंद्र सदर अस्पताल देवघर में भोजन ग्रहण करने आई एक महिला बेसहारा स्थिति में पाई गईं। महिला असमंजस की स्थिति में थीं और अपने परिवार से बिछड़ चुकी थीं। बातचीत के दौरान उन्होंने अपना नाम बोधनी राउत उम्र 47 वर्ष, पति महेश यादव खट्टरडीह कोमाखान, रायपुर, छत्तीसगढ़ बताया। महिला की पहचान सुनिश्चित करने के लिए संस्था के सचिव राकेश वर्मा ने तत्काल पहल करते हुए रायपुर (छत्तीसगढ़) के पुलिस अधीक्षक से संपर्क कर विषय से अवगत कराया। पुलिस प्रशासन ने महिला की पारिवारिक पृष्ठभूमि की पुष्टि की औ परिजनों को इसकी सूचना दी। फिलहाल अनुमंडल पदाधिकारी देवघर के आदेशानुसार एवं समाज कल्याण विभाग की पहल के माध्यम से वृद्ध महिला को चांदडीह वृद्धा आश्रम देवघर में अस्थायी रूप से सुपुर्द किया गया। इस व्यवस्था से महिला को सुरक्षित छत और देखभाल दोनों प्राप्त हुई। महिला के बेटे पवन यादव से संपर्क स्थापित किया गया। बातचीत में पवन यादव ने अपनी माता को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की और जल्द देवघर आकर अपनी माता को घर ले जाने का आश्वासन दिया। इस संवाद से महिला को भी मानसिक शांति मिली और श्रील फाउंडेशन के सदस्यों को यह संतोष हुआ कि परिवार का साथ उन्हें जल्द ही पुनः प्राप्त होगा। संस्था की संयुक्त सचिव महिमा देवी ने इस पूरी प्रक्रिया के दौरान यह संदेश दिया कि जरूरतमंद व्यक्ति चाहे किसी भी राज्य या क्षेत्र का क्यों न हो, मानवता सर्वोपरि है। संस्था के कार्यकर्ताओं ने न केवल भोजन और प्राथमिक देखभाल उपलब्ध कराया बल्कि महिला के आंखों कि जांच डॉ एनसी गांधी से करवाई और चश्मा दिलवाया। उन्होंने बताया कि प्रशासनिक सहयोग से उक्त महिला की पहचान सुनिश्चित हो सकी। इस पहल ने यह भी दर्शाया कि समाज और प्रशासन के बीच समन्वय से किसी भी बेसहारा व्यक्ति को सम्मानजनक जीवन प्रदान किया जा सकता है।










