
प्रलेस की बैठक में कई प्रस्तावों पर बनी सहमति
हिंदी भाषा को लेकर वक्ताओं ने रखे अपने विचार
प्रगति नामक त्रैमासिक पत्रिका प्रकाशन करने का लिया गया प्रस्ताव
देवघर। रविवार को हिंदी दिवस पखवाड़ा व महालया के अवसर पर देवघर जसीडीह रोड अवस्थित आशा इंटरनेशनल स्कूल के सभागार में प्रगतिशील लेखक संघ के तत्वाधान में कवि गोष्ठी सह विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए प्रलेस के मुख्य संरक्षक अवधेश कुमार प्रजापति ने कहा कि हिंदी का विकास वर्तमान समय की मांग है। इसके लिए साहित्यकारों कवियों को बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की जरूरत है। मंच संचालन करते हुए सेवनिवृत प्रो रामनंदन सिंह ने कहा कि हिंदी एक वैज्ञानिक भाषा है। प्रगतिशील लेखक संघ के जिला महासचिव साहित्यकार फाल्गुनी मरीक कुशवाहा ने कहा कि हिंदी सभी भाषाओं से श्रेष्ठ भाषा है एवं इसका विस्तार विश्व पटल पर करने की जरूरत है। डॉ पालन कुमार झा ने कहा कि हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा अब तक नहीं दिया गया है, जो बहुत ही चिंता का विषय है। अशोक कुमार सिंह ने कहा की हिंदी भाषा को समृद्ध करने की जरूरत हिंदी सेवियों पर ही नहीं बल्कि सभी लोगों के उपर निर्भर करता है। काजल कांति सिकदार ने कहा कि हिंदी को सहेजने की जरूरत है। जबकि डॉ प्रदीप कुमार सिंह देव ने कहा कि हिंदी में अभिव्यक्ति की जो स्वतंत्रता है वह अन्य भाषाओं में नहीं है। सुधीर कुमार ने हिंदी को राष्ट्रभाषा दर्जा दिलाने के लिए सरकार से मांग की। मौके पर कवि फाल्गुनी मरीक कुशवाहा, जलेश्वर ठाकुर शौकीन, सोनम झा, रवि शंकर साह, धीरेंद्र छतहारवाला, अशोक कुमार पांडेय, बबन बदिया आदि ने एक से बढ़कर एक भावपूर्ण कविता सुनाई और खूब तालियां बटोरीं। कार्यक्रम के दौरान सर्वसम्मति से प्रगतिशील लेखक संघ की ओर से प्रगति नामक त्रैमासिक पत्रिका प्रकाशन करने का प्रस्ताव लिया गया।समारोह में प्रभारी सचिव सुधीर कुमार को बनाया गया। वहीं अशोक कुमार सिंह को नए सदस्य के रूप में जोड़ा गया। गोष्ठी में स्कूल की निदेशिका कुमारी स्नेहलता, संचालक समेत स्कूल की शिक्षक शिक्षिकाएं एवं गणमान्य लोग मौजूद थे। धन्यवाद ज्ञापन आशा इंटरनेशनल स्कूल की निदेशिका कुमारी स्नेहलता ने की।









