
प्रकृति व संस्कृति का पर्व करमा जिले में धूमधाम से मनाया गया
माता बहनों ने करम डाली की पूजा अर्चना कर रात भर मांदर व डीजे की थाप पर झूमे
देवघर। बुधवार को करम पर्व की धुम झारखंड, बिहार, ओडिशा और मध्य प्रदेश सहित चहुंओर आदिवासी समुदायों द्वारा बड़े श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया। यह एक प्रमुख प्रकृति पर्व है और यह त्योहार भाई-बहन के रिश्ते, प्रकृति के संरक्षण और अच्छी फसल की कामना से जुड़ा है। इसी सिलसिले में देवघर जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में धूमधाम से मनाया गया। आज माता बहनों ने पवित्र जलासय में स्नान कर दिन भर उपवास रखने के बाद करम डाली स्थापित कर उसकी पूजा अर्चना कर रात भर क्रम गीत गाकर मांदर व डीजे की थाप पर झूमे। जगह जगह पूजा स्थल को आकर्षक तरीके से सजाया गया है। रात्रि जागरण कर कल अहले सुबह जलाशय में जावा डाली व करम डाली का विसर्जन करेंगी। माता बहनों द्वारा करमा पूजा की तैयारी घर की साफ-सफाई से शुरू होती है। पूजा स्थल को शुद्ध करने के लिए वहां गाय का गोबर लगाया जाता है, जो पवित्रता का प्रतीक माना जाता है। इसके बाद पूजा स्थल पर कर्मा वृक्ष की डालियां गाड़कर उनकी विधिपूर्वक पूजा की जाती है। महिलाएं सजी हुई थाली में दीप, चावल, फूल, और अन्य पूजा सामग्री रखती हैं और करम देव की आराधना करती हैं। इस दिन बहनें व्रत रखती हैं और अपने भाइयों की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और उन्नति की कामना करती हैं। पूजा के दौरान लोकगीत गाए जाते हैं और कर्म-धर्म से जुड़ी लोककथाएं सुनाई जाती हैं, जो अच्छे कर्मों और जीवन के नैतिक मूल्यों पर प्रकाश डालती हैं। पूजा की एक विशेष परंपरा यह है कि विवाहित महिलाएं अपने मायके आती हैं और वहां करमा पूजा करती हैं। पूजा समाप्त होने पर भाई, बहनों से व्रत का कारण पूछते हैं और उन्हें खीरे के साथ आशीर्वाद देते हैं।
करमा पर्व का महत्व
करमा पर्व को प्रकृति के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने और फसलों की अच्छी उपज के लिए मनाया जाता है। अविवाहित कन्याएं इस दिन उपवास रखती हैं और योग्य वर की प्राप्ति की कामना करती हैं। यह पर्व पारिवारिक एकता, भाई-बहन के प्रेम, और सामाजिक बंधन को मजबूत करता है। करमा पूजा आदिवासी संस्कृति की गहराई और उनकी प्राकृतिक जीवनशैली को दर्शाता है। करमा पूजा सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि प्रकृति और संस्कृति का उत्सव है। यह पर्व हमें सिखाता है कि प्रकृति के साथ संतुलन में रहकर ही जीवन में समृद्धि और शांति संभव है।









