
कृषि निदेशक भोर सिंह यादव ने किया रविन्द्र नाथ टैगोर कृषि महाविघालय व कृषि विज्ञान केंद्र सूजानी दौरा
एफपीओ, एनजीओ प्रतिनिधियों और प्रगतिशील किसानों द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना
देवघर। मंगलवार को झारखंड के कृषि निदेशक भोर सिंह यादव का आगमन रविन्द्र नाथ टैगोर कृषि महाविघालय देवघर में हुआ। निदेशक द्वारा आधुनिक तकनिकी का प्रयोग करते हुए कृषि क्षेत्र में बेहतर परिणाम करने की सलाह दी। फलद्वार वृक्षारोपन कर ज्यादा मुनाफा एवं पोषण सुरक्षा प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने परिक्षेत्र परिभ्रमण किया एवं उचित सुझाव दिये। साथ ही ब्रीडर वीज एवं आधार वीज के उपज में आगे आने का सुझाव दिये। इस क्षेत्र के किसानों के हित के लिये उपयोगी फल एवं सब्जी लगाने के लिए प्रशिक्षण दिया जाय। प्रशिक्षण देने के लिए कॉलेज के वैज्ञानिक को प्रेरित किया। मौके पर जिला कृषि पदाधिकारी देवघर डा वीणा टुड्डू पूर्ण सहयोग करने के लिए आशस्त्वत किया। बाद में निदेशक के द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्र सुजानी देवघर का भ्रमण एवं किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें देवघर जिला के प्रगतिशील किसान एफपीओ के सदस्य ने भाग लिया। किसान गोष्ठी में किसानों के समस्या को निदेशक ने सुना और समस्या दूर करने का आश्वासन दिया। पुनः संयुक्त जिला कृषि कार्यालय देवघर का निरिक्षण निदेशक द्वारा किया गया। मौके पर विभाग द्वारा संचालित योजनाओं का समिक्षा बैठक किया गया और सभी योजना को ससमय पूरा करने का निदेश दिया गया।

कृषि विज्ञान केंद्र सुजानी देवघर में कृषि निदेशक भोर सिंह यादव ने केंद्र की गतिविधियों का अवलोकन किया। इस अवसर पर उन्होंने बीज उत्पादन को बढ़ावा देने, उच्च मूल्य वाली फसलों की खेती और जैविक खेती को बढ़ावा देने जैसे विषयों पर जानकारी दी। मौके पर एफपीओ के सदस्यों, एनजीओ के प्रतिनिधियों और प्रगतिशील किसानों द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की। उन्होंने कृषि विज्ञान केंद्र देवघर द्वारा किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की और उचित सुझाव दिए। मौके पर मौजूद जिला कृषि पदाधिकारी बीना टुडू ने कृषि विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के बारे में जानकारी दी। जिला उद्यान पदाधिकारी यशराज ने उद्यान विभाग की योजनाओं के बारे में जानकारी दी। मौके पर जिला भूमि संरक्षण पदाधिकारी मुकेश कुमार, भूमि संरक्षण पदाधिकारी चौधरी और आत्मा के उप परियोजना निदेशक अरविंद कुमार राय उपस्थित थे। केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक और प्रमुख डॉ राजन कुमार ओझा ने केंद्र की गतिविधियों से निदेशक को अवगत कराया और किसानों की समस्याओं से अवगत कराया।









