
संथाल परगना चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने नगर निकाय चुनाव नहीं होने पर जताई चिंता
चुनाव शीघ्र संपन्न कराने व अवरुद्ध योजनागत फंड को जारी करने की मांग
देवघर। झारखंड राज्य में विगत तीन वर्षों से नगर निकाय चुनाव संपन्न न होने पर संथाल परगना चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज़ ने गहरी चिंता जताई है। चैंबर की ओर से एक प्रेस बयान में कहा गया है कि नगर निकाय चुनाव नहीं होने से राज्य की शहरी विकास योजना ठप पड़ी हैं। जिससे व्यापक आर्थिक और सामाजिक हानि हो रही है। इसके प्रत्यक्ष प्रभावस्वरूप राज्य को लगभग 7 हजार करोड़ की योजनागत राशि का नुकसान उठाना पड़ा है। इसके अतिरिक्त व्यापारिक गतिविधियों एवं बाज़ार के रोटेशन में ठहराव आने से लगभग 18 हजार करोड़ से ज्यादा का अप्रत्यक्ष आर्थिक नुकसान भी राज्य की अर्थव्यवस्था को सहना पड़ा है। आंकड़ों के अनुसार प्रत्येक व्यापारी को औसतन 3.5 से 4 लाख तक का वार्षिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। संथाल परगना चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज़ का मानना है कि नगर निकाय चुनावों के टलते रहने से विकास योजनाओं का कार्यान्वयन, शहरी ढांचे का सुदृढ़ीकरण एवं निवेश एवं व्यापार की संभावनाएं बाधित हो रही हैं। इस स्थिति के कारण न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था प्रभावित हो रही है बल्कि व्यापारियों, उद्यमियों एवं आम जनता का विश्वास भी कमजोर हो रहा है। निरंतर हो रहे नुकसान रोजगार सृजन एवं औद्योगिक प्रगति को प्रतिकूल रूप से प्रभावित कर रहा है। चैम्बर की मांग है कि झारखंड सरकार नगर निकाय चुनाव शीघ्रातिशीघ्र संपन्न कराए, अवरुद्ध योजनागत फंड को तत्काल प्रभाव से जारी किया जाए, राज्य एवं केंद्र सरकार व्यापारिक जगत को हुए नुकसान की आंशिक पूर्ति हेतु विशेष राहत पैकेज पर विचार करे।
नगर निकाय चुनाव में विलंब से आर्थिक व सामाजिक विकास की गति को अवरुद्ध कर रही है: अध्यक्ष
चैम्बर अध्यक्ष गोपाल कृष्ण शर्मा ने कहा कि नगर निकाय चुनाव में हो रही अनावश्यक विलंब झारखंड के आर्थिक एवं सामाजिक विकास की गति को अवरुद्ध कर रही है। व्यापारी वर्ग और आम नागरिक इस ठहराव का प्रत्यक्ष दुष्प्रभाव झेल रहे हैं। राज्य सरकार एवं संबंधित संस्थाओं को इस गंभीर विषय पर तत्काल सकारात्मक पहल करनी चाहिए।
सरकार को स्वतः संज्ञान लेकर चुनाव की अधिसूचना जारी करनी चाहिए: महासचिव

चैम्बर के महासचिव निरंजन कुमार सिंह ने कहा कि संथाल परगना चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज व्यापार जगत की समस्याओं एवं आकांक्षाओं को निरंतर प्रकट करता रहेगा। नगर निकाय चुनावों का संपादन एवं रुके हुए फंड की बहाली राज्य के विकास एवं व्यापारिक उत्थान के लिए अत्यावश्यक है। सरकार को इस गंभीर विषय पर स्वतः संज्ञान लेकर चुनाव की अधिसूचना जारी करनी चाहिए और विकास कार्यों को गति दी जानी चाहिए।









