
शहीद अग्नि वीर जवान नीरज पंचतत्व में विलीन
पतरो नदी के कजरा टंडेरी श्मशान घाट राजकीय सम्मान के साथ किया गया अंतिम संस्कार
सेना के अधिकारी व जवानों ने आसमानी फायरिंग कर दी अंतिम विदाई
मंत्री हाफिजपुल हसन, उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा व एसपी अजीत पीटर डूंगडूंग ने पुष्प चक्र अर्पित कर दी अंतिम विदाई
देवघर। सियाचिन में देश की सेवा करते हुए शहीद हुए जिले के मधुपुर अनुमंडल के कजरा टंडेरी गांव के 24 वर्षीय अग्नि वीर शहीद नीरज कुमार चौधरी गुरुवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार पतरो नदी के कजरा टंडेरी श्मशान घाट पर दोपहर 2 बजे किया गया। रामगढ़ कैंट से आए सेना अधिकारियों व जवानों ने श्मशान घाट पर शहीद नीरज को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। साथ ही गोलियों से आसमानी फायरिंग कर सलामी दी।

मौके पर झारखंड सरकार के मंत्री हाफिजुल हसन, उपयुक्त नमन प्रियेश लकड़ा, एसपी अजीत पीटर डूंगडूंग व सैनिक अधिकारियों ने पुष्पचक्र अर्पित कर शहीद नीरज को अंतिम विदाई दी। इसके अलावा पूर्व मंत्री रणधीर सिंह, पूर्व मंत्री राज पलिवार, कांग्रेस की प्रदेश सचिव शबाना खातून, इंटक नेता अजय कुमार सिंह, भाजपा जिला अध्यक्ष सचिन रवानी, भाजपा जिला महामंत्री अधीरचंद्र भैया, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विकास मिशन चलो गांव की ओर के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ राजीव रंजन, आजसू के केंद्रीय सचिव महेश प्रसाद राय, विश्वनाथ रवानी, कांग्रेस के फैयाज केसर सहित अन्य लोगों ने पुष्प अर्पित कर शहीद नीरज को श्रद्धांजलि दी।

शहीद नीरज के शव को पूर्व मंत्री रणधीर कुमार सिंह व भाजपा नेता गंगा नारायण सिंह ने कंधा दिया। इस दौरान हाथों में तिरंगा झंडा लिए भारी संख्या में उपस्थित जनसमूह के भारत माता की जय, वंदे मातरम, शहीद नीरज अमर रहे, जब तक सूरज चांद रहेगा नीरज तेरा नाम रहेगा जैसे गगन भेदी नारों से कजरा टंडेरी गांव गूंजयमान हो गया। शहीद नीरज के अंतिम विदाई को देखने के लिए 10 किलोमीटर लंबी भीड़ जुटी थी। भारी बारिश के बावजूद भीड़ टस से मस नहीं हुई। लोगों की भीड़ अंतिम संस्कार में तक देखने को मिला।

आज जैसे ही दोपहर 12 बजे के आसपास शहीद अग्निवीर नीरज कुमार चौधरी का पार्थिव शरीर रांची दीपा टोली सैनिक कैंप से एंबुलेंस द्वारा मधुपुर के पिपरासोल मैदान पहुंच वैसे ही भारी भीड़ उसे देखने के लिए उमड़ पड़ी। बाद में परिजनों के सहयोग से सेना के जवानों ने एंबुलेंस पार्थिव शरीर को निकाल कर सेना के वहान में रखा गया और वहां से जुलूस की शक्ल में सैनिक वहान के पीछे-पीछे स्थानीय लोग अपने वाहन से कजरा टंडारी गांव पहुंचे। वहां से सैनिक के जवान जैसे ही नीरज के पार्थिव शरीर को उतार कर उनके घर तक ले गए वैसे माहौल गमगीन हो गया। नीरज के माता पिता सहित परिवार के लोग चित्कार मारकर रोने लगे। इस दृश्य को देखकर भारी संख्या में उपस्थित जनसमूह के आंखें नम हो गई। ड्यूटी के दौरान लद्दाख में ग्लेसियर पिघलने के कारण देश की रक्षा करते हुए वीरगति प्राप्त की।









