
🌟 देवघर की लाडली रोज ने रचा इतिहास: सब जूनियर बैडमिंटन प्रतियोगिता में जीता स्वर्ण पदक
देवघर। बाबा बैद्यनाथ की नगरी देवघर की धरती एक बार फिर चमक उठी है। धनबाद में आयोजित सब जूनियर बैडमिंटन प्रतियोगिता में देवघर की लाडली रोज ने शानदार प्रदर्शन करते हुए बालिका युगल वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर पूरे जिले का मान बढ़ाया है। उनकी यह उपलब्धि सिर्फ एक जीत नहीं, बल्कि देवघर के खेल इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ने जैसा है।
🏸 मेहनत और तकनीक का संगम
लाडली रोज ने इस प्रतियोगिता में जो प्रदर्शन किया, वह किसी भी पेशेवर खिलाड़ी के लिए मिसाल है। टीम की कोच सोनाली दुबे के अनुसार, “सही तकनीक, नियमित अभ्यास और लाडली की खुद की मेहनत ने यह मुकाम दिलाया।”
सोनाली दुबे बताती हैं कि देवघर में डीएसए (District Sports Association) और बैडमिंटन संघ द्वारा लगातार चलाए जा रहे प्रशिक्षण शिविरों का नतीजा है कि खिलाड़ी अब राज्यस्तरीय प्रतियोगिताओं में न केवल भाग ले रहे हैं बल्कि पदक भी जीत रहे हैं।
लाडली की यह उपलब्धि खास इसलिए भी है क्योंकि काफी लंबे समय बाद देवघर की किसी खिलाड़ी ने बैडमिंटन राज्यस्तरीय चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता है। इससे देवघर के खिलाड़ियों में नई ऊर्जा और विश्वास का संचार हुआ है।
🥇 देवघर की दूसरी महिला खिलाड़ी जो पहुंचेगी राष्ट्रीय स्तर पर
इस जीत के साथ लाडली रोज देवघर की दूसरी महिला खिलाड़ी बन गई हैं जो राष्ट्रीय स्तर पर खेलने का मौका पाएंगी। यह न केवल उनके लिए बल्कि पूरे जिले के लिए गौरव का क्षण है।
बैडमिंटन संघ के अध्यक्ष आशीष झा ने इस जीत पर प्रसन्नता जताते हुए कहा, “यह देवघर के लिए गर्व का क्षण है। संघ द्वारा विजेता खिलाड़ी को सम्मानित किया जाएगा और आगे के प्रशिक्षण के लिए हर संभव सहयोग दिया जाएगा।”
💪 देवघर की बेटियाँ बढ़ा रहीं खेलों में पहचान
पिछले कुछ वर्षों में देवघर की बेटियाँ विभिन्न खेलों में शानदार प्रदर्शन कर रही हैं — चाहे सेपकटकरा हो, फुटबॉल या अब बैडमिंटन। देवघर जिला ओलंपिक संघ के अध्यक्ष डॉ. सुनील खवाड़े का कहना है, “बालिकाओं का यह प्रदर्शन बताता है कि अब देवघर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पदक जीतने के लिए तैयार है।”
लाडली रोज की जीत ने उन तमाम युवा खिलाड़ियों को प्रेरित किया है जो खेल को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। यह सफलता संदेश देती है कि अगर मेहनत और समर्पण सच्चे हों, तो छोटा शहर भी बड़े सपनों का जन्मस्थल बन सकता है।
🏆 संघ और प्रशासन की भूमिका
इस सफलता के पीछे सिर्फ खिलाड़ियों की मेहनत नहीं, बल्कि बैडमिंटन संघ, डीएसए और जिला खेल प्राधिकरण का निरंतर सहयोग भी है।
बैडमिंटन संघ के सचिव कनिष्क कश्यप, वरिष्ठ उपाध्यक्ष कृष्ण कुमार बरनवाल, उपाध्यक्ष संजय मालवीय, कोषाध्यक्ष नवीन शर्मा, तथा अन्य पदाधिकारियों ने इस जीत पर बधाई दी।
सुरेशानंद झा, अभय यादव, संजय रंजन, डॉ. अमित कुमार जैसे खेलप्रेमियों ने कहा कि यह देवघर के लिए एक नई शुरुआत है, जहाँ हर खिलाड़ी के भीतर अब राष्ट्रीय स्तर तक पहुँचने की उम्मीद जगी है।
🌈 लाडली रोज बनी प्रेरणा की मिसाल
देवघर की इस ‘लाडली’ ने यह साबित कर दिया कि सपने सिर्फ देखे नहीं जाते, बल्कि जीते भी जा सकते हैं। उनके इस स्वर्ण पदक ने न सिर्फ खेल प्रेमियों को उत्साहित किया है, बल्कि माता-पिता और प्रशिक्षकों को भी यह भरोसा दिलाया है कि सही मार्गदर्शन और लगातार अभ्यास से हर बच्चा कुछ बड़ा कर सकता है।
अब जब लाडली रोज राष्ट्रीय स्तर की बैडमिंटन चैंपियनशिप में देवघर का प्रतिनिधित्व करेंगी, तो पूरा देवघर उनके साथ है। उनके प्रदर्शन से यह उम्मीद है कि एक दिन वह भारत का नाम अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी रोशन करेंगी।
निष्कर्ष:
लाडली रोज की स्वर्णिम जीत केवल एक पदक की कहानी नहीं, बल्कि देवघर के खेल परिदृश्य में नई उम्मीदों का उजाला है। उन्होंने यह दिखाया है कि अगर जुनून और समर्पण हो, तो कोई भी लक्ष्य दूर नहीं।
देवघर आज गर्व महसूस कर रहा है, और आने वाले कल में जब लाडली रोज भारत के लिए खेलेंगी, तब यह जीत इतिहास के पन्नों में दर्ज होगी।









