
⚖️ देवघर में नए सिविल कोर्ट कैंपस की तैयारी तेज़
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश और उपायुक्त ने संयुक्त रूप से निरीक्षण कर दिए आवश्यक दिशा: निर्देश
देवघर। शनिवार को देवघर जिले में न्यायिक ढांचे को सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री कौशल किशोर झा एवं उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी श्री नमन प्रियेश लकड़ा ने शनिवार को नए सिविल कोर्ट कैंपस हेतु चिह्नित भूमि का संयुक्त निरीक्षण किया।
दोनों अधिकारियों ने स्थल का प्रत्यक्ष अवलोकन करते हुए प्रस्तावित परियोजना की व्यवहार्यता, भूमि की स्थिति, और आवश्यक सुविधाओं के बाबत चर्चा की।
📍 प्रस्तावित स्थल का निरीक्षण और डीपीआर पर चर्चा
निरीक्षण के दौरान दोनों अधिकारियों ने भवन निर्माण विभाग द्वारा तैयार डीपीआर (विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन) का अध्ययन किया और उसमें उल्लिखित विभिन्न निर्माण कार्यों, योजनाबद्ध ब्लॉकों और न्यायिक अवसंरचना की समीक्षा की। उन्होंने संबंधित कार्यपालक अभियंता और निर्माण एजेंसी को यह निर्देश दिया कि “नया सिविल कोर्ट कैंपस जिले के न्यायिक तंत्र के लिए एक मॉडल बिल्डिंग साबित हो, इसके लिए सभी निर्माण कार्य मानक के अनुरूप और समयबद्ध रूप से पूरे किए जाएं।” दोनों अधिकारियों ने परियोजना से जुड़े वास्तुशिल्प, सुरक्षा प्रावधान, पार्किंग, जल निकासी व्यवस्था, और न्यायिक परिसरों के बीच समुचित दूरी जैसे पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की।
🧱 न्यायिक भवन और आवास के लिए भूमि का चिह्नांकन
निरीक्षण के दौरान यह जानकारी दी गई कि गौरा मौजा में नए कोर्ट भवन निर्माण के लिए लगभग 20 एकड़ भूमि को पहले ही चिह्नित किया जा चुका है, जबकि अतिरिक्त 12 एकड़ भूमि न्यायिक आवासीय परिसर के लिए आरक्षित की गई है। इस भूमि पर मुख्य न्यायालय भवन, अपर जिला न्यायाधीश कोर्ट, सिविल कोर्ट परिसर, लोक अभियोजन कार्यालय, वकील चैंबर तथा आवासीय क्वार्टर बनाए जाने का प्रस्ताव है। साथ ही, भवन परिसर को आधुनिक, ऊर्जा-कुशल और पर्यावरण के अनुकूल डिजाइन में तैयार किया जाएगा।
🏗️ “गुणवत्ता और पारदर्शिता पर कोई समझौता नहीं” : उपायुक्त
निरीक्षण के क्रम में उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा ने कहा कि न्यायिक भवन का निर्माण कार्य पूर्ण पारदर्शिता और गुणवत्ता मानकों के अनुरूप किया जाएगा। उन्होंने निर्माण एजेंसी को निर्देश दिया कि भूमि की लेवलिंग, जल निकासी और सड़क संपर्क मार्गों का कार्य प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाए। “यह परियोजना जिले के न्यायिक ढांचे को सुदृढ़ बनाएगी और न्याय तक आम जनता की पहुंच को आसान करेगी। अतः सभी विभाग समन्वय के साथ कार्य करें।” — उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा
⚖️ “न्यायिक प्रक्रिया को आधुनिक स्वरूप देने का प्रयास”: प्रधान जिला न्यायाधीश
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश कौशल किशोर झा ने कहा कि नया सिविल कोर्ट कैंपस देवघर जिले के लिए एक आधुनिक न्यायिक केंद्र साबित होगा।
उन्होंने कहा कि प्रस्तावित भवन में ई-कोर्ट, डिजिटलीकृत रेकॉर्ड सिस्टम, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूम, वकील विश्रामालय, प्रतीक्षालय और कानूनी सहायता केंद्र जैसी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। “हमारा उद्देश्य न्यायिक प्रक्रिया को आधुनिक, त्वरित और जनसुलभ बनाना है। नए सिविल कोर्ट कैंपस से देवघर जिला न्यायालय को एक नई पहचान मिलेगी।” — कौशल किशोर झा

🌳 पर्यावरण अनुकूल और हरित न्यायिक परिसर
निरीक्षण के दौरान दोनों अधिकारियों ने यह भी निर्देश दिया कि प्रस्तावित सिविल कोर्ट परिसर को ‘ग्रीन कैंपस’ के रूप में विकसित किया जाए।
परिसर में पर्याप्त हरियाली, सौर ऊर्जा संयंत्र, वर्षा जल संचयन प्रणाली और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन व्यवस्था सुनिश्चित करने पर बल दिया गया। उपायुक्त ने कहा कि देवघर एक धार्मिक और पर्यावरणीय दृष्टि से संवेदनशील जिला है, इसलिए यहां की हर परियोजना में सतत विकास और पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता दी जाएगी।
🧭 परियोजना की व्यवहार्यता और आधारभूत ढांचा
निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने भूमि के चारों ओर बने संपर्क मार्ग, जलस्रोत, विद्युत कनेक्शन और आसपास के भू-भाग की स्थिति का भी मूल्यांकन किया। उन्होंने कहा कि कोर्ट भवन की पहुँचनीयता और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मुख्य प्रवेश द्वार, पार्किंग एरिया और बाउंड्री वॉल का डिज़ाइन डीपीआर के अनुरूप होना चाहिए। कार्यपालक अभियंता को यह निर्देश दिया गया कि डीपीआर की समीक्षा कर आवश्यक संशोधन प्रस्तावित करें, ताकि परियोजना जमीन की वास्तविक स्थिति के अनुरूप हो।
👥 निरीक्षण में शामिल अधिकारी
इस मौके पर उप विकास आयुक्त श्री पीयूष सिन्हा,
अपर समाहर्ता श्री हीरा कुमार, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी श्री राहुल कुमार भारती, कार्यपालक अभियंता भवन प्रमंडल, अंचलाधिकारी मोहनपुर श्री संतोष चौधरी, सहायक जनसंपर्क पदाधिकारी रोहित कुमार विद्यार्थी तथा संबंधित विभागों के अन्य अधिकारी एवं कर्मी उपस्थित थे। सभी अधिकारियों ने प्रस्तावित स्थल का निरीक्षण करते हुए यह सुनिश्चित किया कि भूमि का चयन भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर किया गया है।
📢 भविष्य की योजना और अपेक्षित परिणाम
नए सिविल कोर्ट कैंपस के निर्माण से देवघर जिले में न्यायिक कार्यप्रणाली में तेजी, वकीलों और आमजनों के लिए सुविधाजनक वातावरण तथा सभी न्यायालयों का एकीकृत संचालन संभव होगा। यह परियोजना न केवल न्याय व्यवस्था को मजबूत करेगी, बल्कि देवघर को एक आधुनिक न्यायिक प्रशासनिक केंद्र के रूप में स्थापित करेगी।
🗣️ अधिकारियों का संयुक्त संदेश
निरीक्षण के अंत में दोनों अधिकारियों ने संयुक्त रूप से कहा कि “देवघर जिला न्यायालय का नया सिविल कोर्ट कैंपस जिले के लिए मील का पत्थर साबित होगा। यह न केवल न्यायिक कार्यों में दक्षता लाएगा, बल्कि नागरिकों के लिए पारदर्शी और सुगम न्याय व्यवस्था सुनिश्चित करेगा।”
🏁 निष्कर्ष
देवघर जिले में न्यायिक ढांचे को सशक्त करने की दिशा में यह परियोजना एक ऐतिहासिक पहल है।
प्रधान जिला न्यायाधीश और उपायुक्त के संयुक्त निरीक्षण से यह स्पष्ट है कि जिला प्रशासन एवं न्यायपालिका समन्वित रूप से काम कर रहे हैं, ताकि जनता को तेज़, सुलभ और पारदर्शी न्यायिक सेवा प्रदान की जा सके। नए सिविल कोर्ट कैंपस का निर्माण पूरा होने के बाद देवघर जिले को मिलेगा आधुनिक न्यायालय परिसर का गौरव, जो झारखंड के न्यायिक नक्शे पर एक नई पहचान बनाएगा।









