
जनसेवा और सरलता के प्रतीक, बादल भैया को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं
झारखंड के पूर्व कृषि मंत्री बादल पत्रलेख के जन्मदिवस पर हर कोई अपने अंदाज में बधाई प्रेषित कर रहा है। इसी सिलसिले में जरमुंडी विधानसभा क्षेत्र के नोनीहाट के पेशे से शिक्षक पवन कुमार ने अपने ही अंदाज में जन्मदिवस की बधाई प्रेषित किया है। प्रस्तुत है बधाई संदेश।
बासुकीनाथ। झारखंड की राजनीति में जिन नामों ने जनमानस के हृदय में गहरी छाप छोड़ी है, उनमें बादल पत्रलेख उर्फ बादल भैया का नाम सम्मानपूर्वक लिया जाता है। आज उनके जन्मदिन के अवसर पर समूचे राज्य से शुभकामनाओं का सैलाब उमड़ पड़ा है। बादल भैया का राजनीतिक जीवन केवल पद और पहचान तक सीमित नहीं रहा, बल्कि उन्होंने राजनीति को जनसेवा का माध्यम बनाया। किसान, मजदूर, छात्र और गरीब वर्ग की आवाज़ को सदन तक पहुंचाने का जो साहस और समर्पण उन्होंने दिखाया, वह उन्हें आम जनता के दिलों में एक सच्चा जननेता बनाता है।

उनकी कार्यशैली उन्हें बादल भैया बनाया
पूर्व कृषि मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल में झारखण्ड की कृषि नीति में नई सोच और नई दिशा दिखाई दी। किसानों की आय बढ़ाने, सिंचाई योजनाओं के विस्तार और स्थानीय उत्पादों के सम्मानजनक मूल्य निर्धारण के लिए उन्होंने कई ठोस कदम उठाए। उनकी यही कार्यशैली उन्हें “बादल भैया” के रूप में जनता के बीच प्रिय और अपनापन से भरा नाम बनाती है। राजनीति में वे उस परंपरा का प्रतिनिधित्व करते हैं जो संघर्ष से जन्म लेती है और समाज के हर वर्ग को साथ लेकर चलने की प्रेरणा देती है। उनका सरल व्यक्तित्व, मिलनसार स्वभाव और ज़मीनी दृष्टिकोण उन्हें एक जननेता से अधिक जनभावना का प्रतीक बनाता है।









