देवघर नगर निगम क्षेत्र के रामपुर में 668 फ्लैट्स का निर्माण कार्य अब तक अधूरा

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देवघर नगर निगम क्षेत्र के रामपुर में 668 फ्लैट्स का निर्माण कार्य अब तक अधूरा

सात वर्षों से गरीबों के लिए बनाए जा रहे फ्लैट्स का निर्माण कार्य सामग्री फांक रहा है धूल

केंद्र सरकार के सहयोग से पीएम आवास शहरी के तहत लाभुकों को दिए जा रहे हैं ढाई लाख रुपए, शेष राशि लाभुकों को करना है अदा

देवघर। केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से देवघर नगर निगम द्वारा मोहनपुर के रामपुर क्षेत्र में 668 फ्लैट बनाए जा रहे हैं। जिसकी लागत करीब पैंतालीस से पचास करोड़ रुपए के बीच की है। सरकार द्वारा बनाए जा रहे यह फ्लैट्स वैसे लोगों को आवंटित किए गए हैं, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और देवघर में उनका भूखंड नहीं है, वर्तमान में वह मिट्टी या कच्चे घरों या किरायेदार के रूप में रह रहे हैं। मोहनपुर के रामपुर में सरकार के इस प्रोजेक्ट के शुरू होने के बाद आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को यह उम्मीद जागी थी कि अब वह भी पक्के के घरों में रह सकते हैं। लेकिन सात वर्ष बीत जाने के बावजूद भी अब तक यह प्रोजेक्ट पूरा नहीं हो पाया है और आज भी अर्द्धनिर्मित यह भवन लोगों के लिए उम्मीद ही बना हुआ है। नगर निगम की ओर से जानकारी दी गई है कि निर्माण स्थल पर एफ और जी ब्लाक का काम लगभग पूरा हो चुका है। लाभुक को शीघ्र गृह प्रवेश कराया जाएगा। परंतु देवघर नगर निगम क्षेत्र में गरीबों के लिए बनाए जा रहे फ्लैट्स का निर्माण कार्य अब तक अधूरा पड़ा है। नगर विकास विभाग की ओर से जुडको के माध्यम से निर्माण कराया जा रहा। यह फ्लैट वर्ष 2019 से बन रहा है, लेकिन अभी तक इसका काम पूरा नहीं हो पाया है। इस प्रोजेक्ट में आठ ब्लॉक बनाए जा रहे हैं और प्रत्येक ब्लॉक में 84 फ्लैट्स बनाने हैं। इस प्रोजेक्ट की लागत कुल 44 करोड़ है। जिसमें 16 करोड़ सरकार की तरफ से दिए जाने हैं और 28 करोड़ लाभुकों से जामा होने हैं। केंद्र सरकार के सहयोग से पीएम आवास शहरी के तहत लाभुकों को दिए जा रहे हैं ढाई लाख रुपए, शेष राशि लाभुकों को अदा करना है। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि जब सरकार की तरफ से दिए जाने वाले अंशदान पूरे कर दिए गए हैं तो फिर एजेंसी अब तक 40 प्रतिशत काम पूरे क्यों नहीं कर पाई है? बता दें कि सरकार की तरफ से बनाए जा रहे ये फ्लैट्स लोगों को सिर्फ छह लाख रुपये में मिलेगा। कई लोगों ने फ्लैट्स बुक किए थे, लेकिन एजेंसी और ठेकेदार की उदासीन रवैया के कारण अब तक एक ब्लॉक भी पूरा नहीं हो पाया है। जिस वजह से जिन लोगों ने बुकिंग करवा रखी है, वह भी अब अपना बुकिंग कैंसिल कर रहे हैं। वर्तमान समय में फ्लैट्स के परिसर में जंगल-झाड़ उग आए हैं। लगातार हो रही देरी की वजह अर्ध-निर्मित भवन के छड़ों में जंग लग रहे हैं। वहीं गरीबों के लिए बनाए जा रहे इस भवन में धीरे-धीरे जुआरी और शराबी अपना अड्डा बनाते जा रहे हैं। लगातार हो रही देरी के कारण लोगों की उम्मीद टूटती जा रही है।

लाभुकों द्वारा अंशदान में देरी से अधूरा पड़ा निर्माण कार्य: नगर आयुक्त

देवघर नगर निगम के नगर आयुक्त रोहित सिन्हा बताते हैं कि भारत सरकार की तरफ से 16 करोड़ रुपए मुहैया करवा दिए गए हैं, जो जुडको एजेंसी को निर्गत भी करवा दी गई है। उन्होंने बताया कि लाभुकों की तरफ से अब तक 28 करोड़ में सिर्फ छह करोड़ रुपए ही प्राप्त हो पाए हैं। इसीलिए कई काम अधूरे पड़े हुए हैं। उन्होंने बताया कि लाभुकों को घर दिलाने के लिए नगर निगम की तरफ से कैंप भी चलाए जाते हैं और कैंप लगवाकर लोन मुहैया भी करवाए जा रहे हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस प्रोजेक्ट में घर लेने के लिए आगे आ सके।नगर आयुक्त ने कहा कि अभी तक सभी फ्लैट्स की बुकिंग नहीं हो पाई है। जिस वजह से इसका निर्माण कार्य अधूरा पड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि जब तक कम से कम एक ब्लॉक के 84 फ्लैट की बुकिंग नहीं हो जाती तब तक काम पूरे नहीं हो पाएंगे। नगर आयुक्त रोहित सिन्हा ने बताया कि वह खुद इस प्रोजेक्ट पर निगरानी बनाए हुए हैं ज्यादा से ज्यादा कैंप लगाकर लोगों को बैंक से लोन दिलाने की कोशिश की जा रही है।

Baba Wani
Author: Baba Wani

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