जेपीएससी 11वीं की परीक्षा में डीएसपी की पाठशाला के छात्रों की मेहनत रंग लाई

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जेपीएससी 11वीं की परीक्षा में डीएसपी की पाठशाला के छात्रों की मेहनत रंग लाई

सीनियर डीएसपी विकास चंद्र श्रीवास्तव व उनकी टीम करती है पाठशाला का संचालन 

देवघर। 11वीं झारखंड पब्लिक सर्विस कमीशन की 11 वीं परीक्षा का परिणाम घोषित हो चुका है।  एक बार फिर से डीएसपी की पाठशाला ने सफलता की नई कहानी लिख दी है। इस परीक्षा में टॉप 10 में से 4 अभ्यर्थी इसी संस्थान से निकले हैं। वहीं राज्य पुलिस में डीएसपी पद के लिए चयनित कुल 34 में से 19 अभ्यर्थी डीएसपी की पाठशाला से हैं। यह उपलब्धि न सिर्फ संस्थान बल्कि पूरे झारखंड राज्य के लिए गौरव का विषय बन गई है। डीएसपी की पाठशाला की सफलता के केंद्र में हैं। राज्य पुलिस में कार्यरत हजारीबाग निवासी सीनियर डीएसपी विकास चंद्र श्रीवास्तव जो खुद इस संस्थान के मार्गदर्शक हैं, उन्होंने वर्षों की सेवा अनुभव को छात्रों को प्रशिक्षित करने में झोंक दिया। इंडियन पंच से बातचीत करते हुए डीएसपी विकास चंद्र श्रीवास्तव ने इस सफलता का श्रेय छात्रों की लगन, अनुशासन और कड़ी मेहनत को दिया। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक कोचिंग क्लास नहीं, बल्कि एक मिशन है, जो झारखंड के युवाओं को सेवा भाव और नेतृत्व के लिए तैयार करता है। पाठशाला का संचालन बेहद अनुशासित और रणनीतिक तरीके से किया जाता है। छात्रों को लिखित परीक्षा के साथ-साथ इंटरव्यू और शारीरिक दक्षता की तैयारी भी कराई जाती है। विशेष तौर पर पुलिस सेवा में आने की इच्छुक युवा प्रतिभाओं के लिए यह संस्थान एक मजबूत प्लेटफॉर्म बन चुका है। डीएसपी विकास चंद्र श्रीवास्तव का मानना है कि अगर युवाओं को सही मार्गदर्शन और समय पर सही दिशा मिले, तो वे किसी भी परीक्षा को पार कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि मेरे लिए सबसे बड़ी खुशी तब होती है जब मेरे छात्र समाज के लिए जिम्मेदार अफसर बनते हैं, उनकी सफलता ही मेरी तपस्या का फल है। इस संस्थान ने केवल परीक्षा पास कराने का सपना नहीं दिखाया, बल्कि सेवा भावना, नेतृत्व और निष्ठा के गुण भी छात्रों में विकसित किया। इस बार की जेपीएससी परीक्षा में मिले अभूतपूर्व परिणाम ने एक बार फिर से डीएसपी की पाठशाला को राज्य का सबसे भरोसेमंद प्लेटफॉर्म साबित कर दिया है। झारखंड की नई पीढ़ी के लिए डीएसपी विकास चंद्र श्रीवास्तव और उनकी टीम प्रेरणास्त्रोत बन चुके हैं। उनका सपना है हर प्रखंड से एक पुलिस और प्रशासनिक पदाधिकारी बने, जो इसी पाठशाला से निकले।

Baba Wani
Author: Baba Wani

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