जिलाध्यक्ष हटाने की मांग पर कांग्रेस मुख्यालय के सामने अनशन पर बैठे कांग्रेसी

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जिलाध्यक्ष हटाने की मांग पर कांग्रेस मुख्यालय के सामने अनशन पर बैठे कांग्रेसी

 दिनभर चला ड्रामा, शाम सह प्रभारी ने पिलाया जूस 

-गैर कांग्रेसी को जिलाध्यक्ष बनाने का लगाया आरोप 

-मुकुंद दास के खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप, विभागीय कारवाई की सौंपी काॅपी 

भाजपा नेताओं संग सांठगांठ का सौंपा प्रमाण, दिए फोटो – विडियो 

-जिलाध्यक्ष नियुक्ति के पीछे सीटिंग विधायक की पैरवी, कहा सब सेट 

नई दिल्ली। कांग्रेस जिलाध्यक्ष बदलाव करने को लेकर लगातार एक बड़े तबके का विरोध जारी है। सोमवार को कोडरमा, देवघर, गिरीडीह, धनबाद के कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस मुख्यालय इंदिरा भवन नई दिल्ली के समक्ष धरना प्रदर्शन व अनशन कार्यक्रम आयोजित किया गया। देवघर से पूर्व उपाध्यक्ष व वरीय नेता रविंद्र नाथ मिश्रा उर्फ ददू जी के नेतृत्व में दर्जनों कांग्रेस नेता प्रदर्शन में शामिल हुए। इस दौरान जिला कांग्रेस कमेटी के पूर्व उपाध्यक्ष व वरीय नेता रविंद्र नाथ मिश्रा ने राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम पत्र कांग्रेस मुख्यालय में सुपुर्द किया। उन्होंने देवघर कांग्रेस जिलाध्यक्ष नियुक्ति पर गंभीर प्रश्न खड़ा किया है। साथ ही नियुक्ति के खिलाफ कई आपत्ति जताई व इसे बिंदुवार प्रस्तुत किया। उन्होंने एक दर्जन सुझाव व आपत्ति सौंपा है। राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम सौंपे गए मांग पत्र में उन्होंने कहा कि मुकुंद दास, राज्य सरकार के सेवानिवृत्त कर्मचारी है जिन्हें हाल में संगठन सृजन अभियान के तहत देवघर जिला कांग्रेस कमेटी का जिलाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। उन्होंने कहा कि पार्टी को इसकी जानकारी होनी चाहिए कि बीते वर्ष मई में मुख्यमंत्री ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में विभागीय कार्रवाई करने की अनुशंसा की है।

कांग्रेस में नहीं रहे मुकुंद, जिलाध्यक्ष के लिए नहीं किया आवेदन

सौंपे गए पत्र में उन्होंने कहा कि मुकुंद दास कांग्रेस में कभी नहीं रहे। संगठन सृजन अभियान के तहत उन्होंने जिलाध्यक्ष पद के लिए कोई आवेदन भी नहीं किया। साथ ही उनका किसी भी प्रकार का कोई इंटरव्यू भी नहीं हुआ था। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि कांग्रेस के अंदर छिपे कुछ भाजपा के स्लीपर सेल जो भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के प्रभाव में है वह इसके पीछे है।

एक प्रभावशाली नेता ने की पैरवी, उनके निर्वाचन क्षेत्र में थे बीडीओ 

उन्होंने कहा कि संगठन सृजन के तहत केंद्रीय पर्यवेक्षक मलेंद्र राजन देवघर आए थे। उन्होंने दस दिनों तक देवघर में प्रवास किया था, सभी ब्लॉक तक गए और कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मुलाकात किया। लेकिन सारा प्रयास निरर्थक साबित किया। लेकिन एक प्रभावशाली कांग्रेस नेता ने उनका नाम इसलिए दिया क्योंकि वह कुछ वर्षों पहले उनके निर्वाचन क्षेत्र में बतौर प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रतिनियुक्त थे।

कांग्रेस कार्यकर्ता को नहीं पहचान सक रहे जिलाध्यक्ष

उन्होंने कहा कि बीते दिनों सह प्रभारी सिरिबेला प्रसाद देवघर आए थे। उनके समक्ष कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जिलाध्यक्ष नियुक्ति के खिलाफ विरोध प्रदर्शित किया। बंद कमरे में हुई बैठक में उन्होंने आश्वस्त किया था कि जिन 12 लोगों ने जिलाध्यक्ष के लिए आवेदन किया था उनमें से ही कोई जिलाध्यक्ष बनेगा। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रदेश सचिव अशोक राय ने जब जिलाध्यक्ष को कांग्रेस कार्यकर्ताओं की पहचान करने के लिए कहा तो वह ऐसा नहीं कर पाए, यह दुखद और आशर्चयजनक है।

सह प्रभारी के निर्देश का भी नहीं किया जा रहा है पालन, नेतृत्व को किया गया गुमराह 

उन्होंने कहा कि विवाद के बाद सह प्रभारी द्वारा दिए गए निर्देश का पालन नहीं किया जा रहा है। हस्ताक्षर अभियान के लिए सह प्रभारी ने निवर्तमान जिलाध्यक्ष प्रो उदय प्रकाश को नेतृत्व करने का निर्देश दिया था लेकिन चंद लोगों के प्रभाव में और कुछ निजी स्वार्थ में वह ऐसा नहीं कर रहे हैं। निवर्तमान जिलाध्यक्ष सरेआम सह प्रभारी के निर्देशों का अनुपालन नहीं कर रहे हैं। साथ ही कहा कि सूबे में अर्जुन मुंडा जब मुख्यमंत्री थे तब उनके कैबिनेट में शामिल शिक्षा मंत्री ने हमारे प्रभारी को दिग्भ्रमित कर मुकुंद दास के नाम पर राजी किया।

यदि दलित तो बृजभूषण और सामान्य तो दिनेशानंद को मिले कमान

उन्होंने कहा कि पार्टी के व्यापक हित के लिए यदि पार्टी को दलित कोटे से ही जिलाध्यक्ष बनाना है तो बृजभूषण राम को कमान दिया जाए और यदि सामान्य श्रेणी में करना है तो दिनेशानंद झा को कमान सौंप दिया जाए।

शाम सह प्रभारी पहुंचे मनाने, फोन पर अपडेट लेते रहे प्रदेश अध्यक्ष

धरना प्रदर्शन व अनशन की बात जैसे ही फैली तो कांग्रेस नेतृत्व में हडकंप मच गया। दिल्ली से रांची तक एकाएक लोग रेस हो गए। प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश लगातार नेताओं से अनशन व धरना खत्म करने का आग्रह करते हुए व सब कुछ ठीक ठाक करने का आश्वासन दिया। वहीं शाम को सह प्रभारी डॉ सिरिबेला प्रसाद भी पहुंचे व विक्षुब्धों से बात कर उन्हें मनाने का प्रयास किया व जूस पिलाकर अनशन खत्म कराया। इस दौरान प्रभारी के राजू के पीए बबलू चौहान, एआईसीसी सदस्य मणिशंकर आदि मौजूद थे।

आवेदन में इन लोगों का है हस्ताक्षर 

इसमें राधा पाल, नाहिदा सुल्ताना, रोहित गुप्ता, गौरव झा, बृजभूषण राम, मनोज कुमार, पवन कुमार, विमल कुमार, मुन्ना कुमार, गुड्डू कुमार, सुमेत कुमार, नौशाद, हरदेश, चंदन, मनोज, आनंद मिश्रा, शत्रुध्न, वरुण, मनोज, जितेंद्र, अजय आदि का हस्ताक्षर है।

Baba Wani
Author: Baba Wani

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