
सार्वजनिक वैष्णवी दुर्गा पूजा समिति शिवलोक धोबी टोला में 20 वर्षों से हो रही है मां दुर्गा की आराधना
खासियत: सप्तमी तिथि को होता है मंडप में मां दुर्गा की प्रतिमा का आगमन
दशमी तिथि को भारी संख्या में जूटते हैं शहरी व ग्रामीण क्षेत्र लोग
यहां एकादशी तिथि को होता है मां की प्रतिमा का विसर्जन
इस वर्ष यहां पूजा पंडाल का मुख्य आकर्षण जल संरक्षण पर आधारित
आयोजन समिति स्थानीय कलाकारों के सहयोग से कर रही है पूजा की तैयारी
देवघर। सार्वजनिक वैष्णवी दुर्गा पूजा समिति शिवलोक परिसर धोबी टोला में विगत 20 वर्षों से मां दुर्गा की आराधना हो रही है। इस वर्ष यहां पूजा पंडाल का मुख्य आकर्षण पूजा पंडाल को जल संरक्षण के थीम पर तैयार किया जाएगा। गौरतलब बात यह है कि यहां के सदस्यों द्वारा हर वर्ष कुछ नया प्रयोग करने का प्रयास किया जाता है। दुर्गा पूजा को लेकर सभी सदस्य 6 महीने से तैयारी में लगे हैं। समिति के अध्यक्ष कैलाश रजक का कहना है कि पूजा के थीम के चुनाव पर इस बात का मुख्य रूप से ध्यान रखा जाता है की थीम जो भी हो इसका समाज में सकारात्मक मैसेज जाए। आयोजन समिति के सदस्यों का कहना है कि आज पूरे देश में जल संरक्षण में विशेष ध्यान देने की जरूरत है। किस प्रकार आज हम प्रकृति का दोहन कर रहे है ओर इसका गंभीर प्रभाव देखने को मिल रहा हैं, उसको हम स्टैचू के माध्यम से प्रदर्शित करेंगे। किस प्रकार हम अपने दैनिक जीवन में छोटी छोटी बातों का ध्यान रख कर पानी की बर्बादी को रोक सकते हैं। इसको मूर्तियों के माध्यम से लोगों को दिखाने का प्रयास किया गया है। इस बार के थीम का नाम है जल ही जीवन है। यहां पर मंडप में मां दुर्गा की प्रतिमा का आगमन सप्तमी तिथि को होता है। यहां वैष्णव पद्धति से कुणाल महाराज एवं शंभू महाराज के द्वारा पूजा कराया जाता है। समिति के अध्यक्ष के अलावा नवीन जयसवाल, उपाध्यक्ष नंदलाल केसरी, लखन केसरी, गणेश रजक हर समय पूजा को कैसे भव्य रूप दे इसको लेकर लगे रहते हैं। यहां पर प्रसाद वितरण सप्तमी तिथि से दशमी तक किया जाता है। सप्तमी को माता को मोहनभोग (हलुआ), तैहरी का भोग लगा कर वितरण किया जाता है। अष्टमी को महा निशा पूजा के लिए छप्पन भोग, तैहरी, हलुआ का वितरण किया जाता है। वहीं नवमी तिथि को तेहरी, खीर, का वितरण किया जाता है। जबकि दशमी को बुंदिया, लड्डू एवं बालूशाही का वितरण किया जाता है। चूंकि प्रतिमा को देखने के लिए दशमी तिथि को दिन से ही शहरी क्षेत्र के अलावा ग्रामीण इलाकों से लोग यहां माता का दर्शन करने आते हैं। इस लिए यहां की प्रतिमा का विसर्जन एकादशी को किया जाता है। इस बार पूजा में ध्यान लोकल पर भोकल रखा गया है। पिछले कुछ वर्षों से बंगाल के कारीगरों के द्वारा यहां प्रतिमा ओर पंडाल का थीम कराया जाता था। इस बार सभी कार्य देवघर के कारीगरों के द्वारा कराया जा रहा है। जिसमें प्रतिमा, स्टैचू एवं पूरे थीम का निर्माण जसीडीह धर्मपुर निवासी राहुल कुमार व उनकी टीम के द्वारा किया जा रहा है। भव्य पंडाल एवं विद्युत सज्जा मां तारा डेकोरेटर्स जसीडीह निवासी श्रवण कुमार के द्वारा किया जा रहा है। इस बार का थीम पंडाल 60 फिट चौड़ा एवं 70 फिट ऊंचा रहेगा। सबसे खास बात है कि यहां पर पूजा में पुरुषों के साथ महिला व लड़कियां भी दिन रात पूजा में सहयोग के साथ सुरक्षा में भी लगी रहती हैं। यहां पर विसर्जन के दिन एक भारत श्रेष्ठ भारत के कार्यकताओं के द्वारा महाआरती का आयोजन किया जाता है। जिसमें महिलाओं एवं लड़कियों के द्वारा पारंपरिक लिबास में एक साथ माता की आराधना की जाती है। इस पूजा को सफल बनाने में अमर रजक, राजेश जयसवाल, विजय पाण्डे अभिषेक मिश्रा, (मिक्कू) मोनू केशरी, अंकित केशरी, मुकेश पांडेय, गुड्डू चौरसिया, प्रकाश कुमार, लड्डू केशरी, द्वारिका केशरी, रिंकू रजक, मोहन रजक, राजेश रजक, बरकु कुमार, पंकज रजक, पप्पू रजक, मोनी कुमारी, संध्या कुमारी सहित मोहल्लेवासियों का सहयोग रहता है।
जल संरक्षण की थीम व सामाजिक समरसता दिखाएगा शिवलोक धोबी टोला का पूजा पंडाल।

मोनू केशरी संगठन मंत्री धोबी टोला दुर्गा पूजा समिति
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आस्था भक्ति शक्ति को समर्पण के साथ जल संरक्षण का संदेश देता हुआ दिखेगा पूजा पंडाल।

लखन केशरी उपाध्यक्ष धोबी टोला दुर्गा पूजा समिति









