
बालू लदे ट्रैक्टर को छुड़ाने के मामले में उच्चतम न्यायालय हुई सुनवाई
न्यायालय ने अभियुक्तों के खिलाफ पीड़क कार्यवाही व गिरफ्तारी पर लगाई रोक
सारवां के कुशमाहा गांव निवासी अधिवक्ता विक्रम पत्रलेख ने मामले की पैरवी
देवघर। जिले के सारवां थाना क्षेत्र के पुलिस से जबरन बालू लदे ट्रैक्टर को छुड़ाने के एक मामले में उच्चतम न्यायालय दिल्ली ने अग्रिम जमानत पर सुनवाई करते हुए नामजद अभियुक्तों पर पीड़क कार्रवाई पर रोक लगा दी है। अभियुक्तों की ओर से पैरवी सारवां के कुशमाहा गांव निवासी अधिवक्ता विक्रम पत्रलेख कर रहे थे। बताया जाता है कि सारवां थाना कांड संख्या 35/2025 में नामजद अभियुक्तों चंद्रकांत यादव और प्रवीण यादव की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए अगले आदेश तक पुलिस को उनके खिलाफ किसी भी तरह की पीड़क कार्यवाही करने पर रोक लगा दी गई है। उक्त आशय की जानकारी याचिकाकर्ता की तरफ से सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष पैरवी कर रहे उनके वकील विक्रम पत्रलेख ने दी। विक्रम पत्रलेख ने बताया कि उक्त दोनों अभियुक्तों की अग्रिम जमानत याचिका पहले जिला न्यायालय देवघर और तत्पश्चात उच्च न्यायालय रांची द्वारा खारिज कर दी गई थी। जिसके खिलाफ अभियुक्त द्वय द्वारा सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया था। जिस पर 18 जुलाई को सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा याचिका को स्वीकार कर राज्य सरकार को नोटिस जारी किया गया है तथा अगले आदेश तक याचिकाकर्ताओं के खिलाफ पीड़क कार्यवाही व गिरफ्तारी पर रोक लगा दी गई है। मामला बालू लदे ट्रैक्टर को जबरन पुलिस से छुड़ाने और सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है।









