13 दिसंबर को देवघर और मधुपुर व्यवहार न्यायालय परिसर में आयोजित होगी राष्ट्रीय लोक अदालत, प्री-लिटिगेशन और लंबित मामलों का निपटारा सुलह के आधार पर होगा

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13 दिसंबर को देवघर और मधुपुर व्यवहार न्यायालय परिसर में आयोजित होगी राष्ट्रीय लोक अदालत, प्री-लिटिगेशन और लंबित मामलों का निपटारा सुलह के आधार पर होगा

 

देवघर। उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा ने जानकारी दी है कि देवघर जिले में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन आगामी 13 दिसंबर (शनिवार) को किया जाएगा। यह लोक अदालत व्यवहार न्यायालय परिसर देवघर एवं अनुमंडल व्यवहार न्यायालय मधुपुर में एक साथ आयोजित की जाएगी। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रातः 11:00 बजे से होगा। इस दौरान विभिन्न प्रकार के लंबित एवं प्री-लिटिगेशन मामलों का निष्पादन आपसी सुलह और समझौते के माध्यम से किया जाएगा।

 

राष्ट्रीय लोक अदालत की तैयारियां शुरू, 13 अक्टूबर से चल रही सुलह बैठकें

 

उपायुक्त ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत से संबंधित पूर्व समझौता बैठकें (Pre-Settlement Meetings) 13 अक्टूबर से ही प्रारंभ हो चुकी हैं। इन बैठकों के माध्यम से पक्षकारों को आपसी सहमति से विवाद सुलझाने का अवसर दिया जा रहा है ताकि अदालत में लंबित मामलों का शीघ्र और न्यायसंगत निष्पादन किया जा सके।

 

उन्होंने कहा कि लोक अदालत के आयोजन से न्यायिक प्रक्रिया में तेजी आएगी और आम जनता को सस्ता, सुलभ और त्वरित न्याय प्राप्त होगा। इसके लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (DLSA) और अनुमंडल विधिक सेवा समिति, मधुपुर द्वारा व्यापक तैयारी की जा रही है।

 

 

 

इन मामलों का निपटारा राष्ट्रीय लोक अदालत में होगा

 

राष्ट्रीय लोक अदालत में निम्न प्रकार के प्री-लिटिगेशन (मुकदमा दायर होने से पूर्व) और लंबित मामलों का निपटारा किया जाएगा —

 

1. सुलहनीय आपराधिक मामले

 

 

2. एन.आई. एक्ट (चेक अनावरण) से संबंधित मामले

 

 

3. बैंक ऋण वसूली से जुड़े विवाद

 

 

4. मोटर वाहन दुर्घटना दावा (MACT केस) से संबंधित मामले

 

 

5. वैवाहिक विवाद से जुड़े मामले

 

 

6. श्रम विवाद से संबंधित मामले

 

 

7. भू-अर्जन (Land Acquisition) से जुड़े मामले

 

 

8. बिजली व पानी के बिलों से संबंधित विवाद (असुलहनीय मामलों को छोड़कर)

 

 

9. सेवा से संबंधित भुगतान, भत्ते और सेवानिवृत्ति लाभ से संबंधित मामले

 

 

10. राजस्व मामलों में लंबित वाद (जिला न्यायालय में लंबित)

 

 

11. अन्य दिवानी मामले, जिनमें मालगुजारी, सुखाधिकार, इंजंक्शन सूट, विनिर्दिष्ट पालन आदि शामिल हैं

 

12. अन्य सभी सुलह योग्य मामले

 

 

पक्षकारों को दिया गया आवेदन करने का अवसर

 

उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा ने बताया कि ऐसे सभी पक्षकार, जिनके मामले अदालतों में लंबित हैं या जो अपने विवाद को लोक अदालत में निपटाना चाहते हैं, वे अपना आवेदन संबंधित न्यायालय या विभाग के माध्यम से प्रस्तुत कर सकते हैं।

 

इसके लिए इच्छुक व्यक्ति या पक्षकार को अपने मामले का ब्यौरा, पूरा पता, तथा अन्य आवश्यक विवरणों के साथ आवेदन पत्र सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, देवघर के कार्यालय में जमा करना होगा।

 

आवेदन देने के लिए संपर्क किया जा सकता है:

📞 फोन नंबर: 06432-352718 (देवघर)

📱 मोबाइल नंबर: 8825142983 (सचिव, अनुमंडल विधिक सेवा समिति, मधुपुर)

 

 

लोक अदालत से जनता को मिलेगा सस्ता और त्वरित न्याय

 

देवघर उपायुक्त ने बताया कि लोक अदालत का उद्देश्य अदालतों में लंबित मामलों का निपटारा आपसी सहमति से कराना है ताकि लोगों को वर्षों तक मुकदमेबाजी में न फंसना पड़े। इससे न केवल अदालतों का बोझ घटता है, बल्कि पक्षकारों के समय और धन दोनों की बचत होती है।

 

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत में सुलह होने वाले मामलों में अदालती फीस वापसी का भी प्रावधान है, जिससे जनता को आर्थिक राहत मिलती है। यह अदालत पूरी तरह सुलह-सहमति आधारित व्यवस्था है और किसी पर भी समझौता करने का दबाव नहीं डाला जाता।

 

 

लोक अदालत की विशेषता

 

राष्ट्रीय लोक अदालत न्यायपालिका द्वारा आयोजित एक विशेष पहल है, जो न्याय तक समान पहुंच (Access to Justice for All) के सिद्धांत पर आधारित है। इसमें न्यायाधीशों, वकीलों, वादकारियों तथा विधिक सेवा प्राधिकरण के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में विवादों का निपटारा किया जाता है।

 

देवघर और मधुपुर दोनों न्यायालय परिसरों में विशेष बेंच गठित की जाएंगी, जो संबंधित श्रेणी के मामलों की सुनवाई करेंगी।

 

 

उपायुक्त ने की अधिक से अधिक भागीदारी की अपील

 

उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा ने आम जनता, अधिवक्ताओं तथा विभागीय अधिकारियों से आग्रह किया है कि वे इस लोक अदालत में अधिक से अधिक भाग लें। उन्होंने कहा कि यह एक सुनहरा अवसर है जहां परस्पर समझौते के माध्यम से विवादों का निपटारा शीघ्रता से संभव है।

 

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत न केवल न्याय का माध्यम है, बल्कि यह समाज में सौहार्द और आपसी विश्वास स्थापित करने का भी एक प्रभावी जरिया है।

 

 

न्यायिक व्यवस्था में लोक अदालत की भूमिका

 

राष्ट्रीय लोक अदालतें हर वर्ष चार बार आयोजित की जाती हैं — आमतौर पर मार्च, जून, सितंबर और दिसंबर में। इनका आयोजन राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) के दिशा-निर्देश पर किया जाता है। लोक अदालतों के जरिए अब तक झारखंड राज्य में लाखों मामलों का निपटारा सुलह के आधार पर किया जा चुका है।

 

देवघर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (DLSA) ने इस वर्ष भी लक्ष्य रखा है कि अधिकतम लंबित मामलों को सुलहपूर्वक सुलझाया जा सके, जिससे आम नागरिकों को न्याय में देरी न हो।

 

 

निष्कर्ष

 

देवघर और मधुपुर में आयोजित होने वाली यह राष्ट्रीय लोक अदालत जिले के हजारों लोगों को राहत देने का कार्य करेगी। यह कार्यक्रम न केवल न्यायिक प्रणाली में पारदर्शिता और त्वरितता लाएगा, बल्कि समाज में आपसी सौहार्द की भावना को भी मजबूत करेगा।

Baba Wani
Author: Baba Wani

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