महिला विश्व कप 2025: विश्व विजेता टीम इंडिया पर झारखंड के वरिष्ठ पत्रकार शंभूनाथ चौधरी ने लिखा भावनात्मक संदेश

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🇮🇳 महिला विश्व कप 2025: विश्व विजेता टीम इंडिया पर झारखंड के वरिष्ठ पत्रकार शंभूनाथ चौधरी ने लिखा भावनात्मक संदेश

 

“यह जीत सिर्फ क्रिकेट की नहीं, हौसले की जंग है; बेटियों ने इतिहास के सफों पर अपना नाम लिख दिया”

 

रांची। भारतीय महिला क्रिकेट टीम द्वारा आईसीसी महिला विश्व कप 2025 का खिताब जीतने पर पूरे देश में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है। इसी बीच झारखंड की राजधानी रांची के वरिष्ठ पत्रकार शंभूनाथ चौधरी ने भी सोशल मीडिया पर अपने भाव व्यक्त करते हुए इस जीत को “नए युग की शुरुआत” बताया है। उन्होंने फेसबुक पर लिखा कि—

 

> “नवी मुंबई के नीले आसमान के नीचे जो मंजर लिखा गया, वह सिर्फ एक जीत का किस्सा नहीं, बल्कि एक नए दौर की दास्तान है।”

 

 

 

चौधरी के इस भावनात्मक पोस्ट को लोग खूब पसंद कर रहे हैं और शेयर कर रहे हैं। उन्होंने इस जीत को सिर्फ एक खेल उपलब्धि नहीं, बल्कि “लाखों बेटियों के सपनों की उड़ान” कहा है।

 

 

 

✍️ पत्रकार शंभूनाथ चौधरी का भावनात्मक फेसबुक पोस्ट

 

वरिष्ठ पत्रकार शंभूनाथ चौधरी ने अपने पोस्ट में भारतीय महिला क्रिकेट टीम की जीत को बेहद संवेदनशील शब्दों में बयां किया। उन्होंने लिखा—

 

> “इन बेटियों ने लाखों लड़कियों की आंखों में आने वाले कल के सपने रोप दिए हैं। ऐसे सपने जो अब सिर उठाकर, बेखौफ उड़ान भरेंगे।”

 

 

 

उन्होंने आगे लिखा कि यह जीत सिर्फ एक ट्रॉफी नहीं, बल्कि ‘इरादों की जंग’ का सबूत है।

 

> “हरमनप्रीत कौर की कप्तानी में यह जंग सिर्फ क्रिकेट की नहीं थी, यह हौसले की लड़ाई थी। उनकी दृढ़ता, सादगी और मैदान पर सूझबूझ ने संघर्ष को संकल्प में तब्दील कर दिया।”

 

 

🏏 खिलाड़ियों की सराहना: हरमनप्रीत से लेकर शेफाली तक

 

चौधरी ने अपने पोस्ट में टीम की प्रमुख खिलाड़ियों के योगदान को भी भावनात्मक शब्दों में सराहा। उन्होंने लिखा—

 

> “स्मृति मंधाना के बल्ले से निकले हर चौके में यकीन की झंकार थी, शेफाली वर्मा के शॉट्स में नई पीढ़ी का जुनून था, तो दीप्ति शर्मा की गेंदों में सब्र की शायरी थी।”

 

 

 

उन्होंने कहा कि सेमीफाइनल में जेमिमा रोड्रिग्स की आग सी पारी ने वह चिंगारी जलाई, जिसने इस जीत को रौशनी में बदल दिया।

यह पोस्ट न केवल क्रिकेट प्रेमियों को प्रेरित कर रहा है, बल्कि महिला सशक्तिकरण की एक जीवंत मिसाल भी बन गया है।

 

 

 

 

💬 “अब बारी हमारी है” — चौधरी का प्रेरक संदेश

 

अपने भावपूर्ण लेखन में चौधरी ने कहा—

 

> “यह जीत उन तमाम लड़कियों को समर्पित है, जिन्हें कभी कहा गया था— ‘ये तेरे बस की बात नहीं।’ आज उन्होंने जवाब दिया है कि जब इरादा पाक और मेहनत सच्ची हो, तो मुकद्दर भी सिर झुका देता है।”

 

 

 

उन्होंने आगे लिखा—

 

> “यह ट्रॉफी सिर्फ जीत का सबूत नहीं, इरादों की उस जंग का बयान है, जिसने ऐलान किया कि ‘अब बारी हमारी है।’”

 

 

 

यह पंक्ति सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है और इसे लोग “महिला सशक्तिकरण का नया नारा” बता रहे हैं।

 

 

 

🌟 “एक नए युग का आगाज़” — पत्रकार ने रचा प्रेरणादायक लेख

 

चौधरी ने अपने पोस्ट का समापन करते हुए लिखा—

 

> “आज से भारतीय महिला क्रिकेट में एक नए युग का आगाज हुआ है। वह युग, जहां बेटियां सिर्फ मैदान नहीं, इतिहास के सफों पर भी अपना नाम रोशन करेंगी।”

 

 

 

उनका यह लेखन यह दर्शाता है कि महिला क्रिकेट की यह जीत केवल खेल जगत की नहीं, बल्कि भारत की नारी शक्ति की आत्मा की जीत है।

 

 

 

🇮🇳 पूरे देश में जश्न का माहौल

 

भारत की इस ऐतिहासिक जीत के बाद रांची समेत पूरे झारखंड में जश्न का माहौल देखा जा रहा है। स्थानीय खेल प्रेमियों, पत्रकारों और युवा खिलाड़ियों ने महिला टीम के प्रति गर्व और उत्साह प्रकट किया।

महिला खिलाड़ियों की मेहनत और प्रदर्शन ने यह साबित कर दिया कि भारत की बेटियां किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं।

 

 

🏆 52 वर्षों का इंतजार और ऐतिहासिक पल

 

भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने पहली बार आईसीसी महिला क्रिकेट विश्व कप जीतकर 52 साल पुराना सपना पूरा किया है।

इस जीत से भारत के हर नागरिक को गर्व का अहसास हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, और कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने टीम इंडिया को बधाई दी है।

 

रांची में भी लोगों ने चौक-चौराहों पर पटाखे जलाकर खुशी मनाई। शहर के स्पोर्ट्स क्लब और क्रिकेट प्रेमी समूहों ने इस ऐतिहासिक जीत को ‘भारत की बेटियों का स्वर्ण अध्याय’ बताया।

 

 

💪 महिला शक्ति और खेल का संगम

 

शंभूनाथ चौधरी के इस भावनात्मक पोस्ट ने यह भी रेखांकित किया कि यह जीत केवल क्रिकेट नहीं, बल्कि भारत की बेटियों की मेहनत, साहस और आत्मविश्वास का प्रतीक है।

उन्होंने लिखा—

 

> “यह सिर्फ बल्ले और गेंद की कहानी नहीं, बल्कि उन हाथों की मेहनत की दास्तान है, जिन्होंने सपनों को हकीकत में बदला।”

 

 

 

उनके इस विचारशील लेखन ने महिला क्रिकेट की इस जीत को और भी ऐतिहासिक और प्रेरणादायक बना दिया है।

 

 

 

🔖 निष्कर्ष

 

भारतीय महिला क्रिकेट टीम की यह जीत न केवल मैदान पर, बल्कि हर भारतीय के दिल में अंकित हो गई है।

रांची के वरिष्ठ पत्रकार शंभूनाथ चौधरी का यह फेसबुक पोस्ट उस भावनात्मक जुड़ाव को दर्शाता है, जो इस जीत से पूरे देश को मिला है।

 

यह केवल एक ट्रॉफी नहीं, बल्कि उस “नए भारत” का प्रतीक है जहां बेटियां अब इतिहास नहीं, भविष्य लिख रही हैं।

Baba Wani
Author: Baba Wani

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