
सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर चिकित्सकों व कर्मियों के लिए पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराए सरकार: डॉ शरद
सदर अस्पताल रांची में मरीज के परिजनों द्वारा ऑन ड्यूटी डॉक्टर के साथ दुर्व्यवहार व पाराकर्मियों के साथ मारपीट की घटना झासा ने की निंदा
देवघर। सदर अस्पताल रांची में बीते शुक्रवार को देर शाम मरीज के परिजनों द्वारा ऑन ड्यूटी डॉक्टर के साथ दुर्व्यवहार जबकि कार्यरत पाराकर्मियों के साथ मारपीट की घटना हुई। इस घटना के विरोध में अस्पताल के चिकित्सक और कर्मी तत्काल धरना पर बैठ गए। उपाधीक्षक डॉ बिमलेश सिंह ने कुछ लोगो पर नामजद जबकि अन्य अज्ञात लोगों पर प्राथमिकी दर्ज करवाया और जिले के पुलिस अधीक्षक और पुलिस महानिदेशक से बात कर अभियुक्तों की गिरफ्तारी का दबाव बनाया। देर रात उनमें से कुछ अभियुक्तों की गिरफ्तारी हो गई। कल यानी सोमवार को जिला झासा रांची के सचिव डॉ विकास गुप्ता के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल सिविल सर्जन डॉ प्रभात कुमार से मुलाकात की और संगठन द्वारा स्पष्ट लिखित रूप में दिया गया कि अगर अभियुक्तों को कड़ी सजा व सदर अस्पताल में अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था नहीं दी गई तो संगठन अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को बाध्य होगा। इधर वरीय दन्त चिकित्सा पदाधिकारी सह झासा के राज्य संयोजक डॉ शरद कुमार ने कहा कि विभाग को राज्य के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर चिकित्सकों और कर्मियों के लिए पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था मुहैया करानी चाहिए। जब तक चिकित्सक और कर्मी सुरक्षित नहीं रहेंगे वे लोग भय के वातावरण में जरूरतमंदों को इलाज भी नहीं कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य में अब तक भी मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू नहीं हो पाया, जबकि बिहार सहित देश के लगभग सभी राज्यों में यह एक्ट लागू है। पिछले दस वर्षों से राज्य के सभी सरकारी और गैर सरकारी चिकित्सक आईएमए और झासा के बैनर तले इस मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट को लागू करने के लिए कई बार आंदोलन भी कर चुके है पर नतीजा कुछ भी नहीं निकला। झासा संगठन सरकार और विभाग से मांग करती है कि मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट जल्द से जल्द लागू करे ताकि चिकित्सक भयमुक्त हो कर अपनी सेवा दे सके। इसके अलावा विभाग से मांग की है कि चिकित्सकों को बिहार और केंद्र के तर्ज पर डीएसीपी का लाभ मिले, लंबित सेवा संपुष्टि, डीएसीपी और प्रोन्नति जल्द से जल्द चिकित्सकों को प्रदान करे। इन लंबित मांगों को ले कर राज्य भर के चिकित्सकों को काफी रोष व्याप्त है। अगर विभाग उपरोक्त मांगो को ले कर गंभीर नहीं हुई तो संगठन राज्य कार्यकारिणी की बैठक में आगे की रणनीति पर विचार किया जाएगा।









