
मां दुर्गा का आगमन व प्रस्थान सुख-समृद्धि व शांति का संकेत
देवघर। सनातन धर्मावलंबियों का आस्था, भक्ति पवित्रता का महापर्व शारदीय नवरात्र का शुभारंभ 2025 में 21 सितंबर प्रतिपदा से होगा और विसर्जन 2 अक्टूबर विजयादशमी को होगा। जानकार बताते हैं कि इस वर्ष मां दुर्गा का आगमन हाथी पर व प्रस्थान नरयान पर होगा और पूजा दस दिनों का होगा, जो सुख-समृद्धि व शांति का संकेत है।
नवरात्र की तिथि व समय
पंडित शालीग्राम झा बताते हैं कि नवरात्र के मौके पर मां दुर्गा की आराधना में तिथि और समय का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है। इस वर्ष प्रतिपदा 21 सितंबर को रात 12:30 बजे से 22 सितंबर रात 1:28 बजे तक, द्वितीया 23 सितंबर को रात 2:58 बजे तक, तृतीया 24 सितंबर रात 4:47 बजे तक, चतुर्थी 25 सितंबर को पूरी रात व 26 सितंबर को सुबह 6:50 बजे तक, पंचमी 27 सितंबर सुबह 8:55 बजे तक, षष्ठी 28 सितंबर को सुबह 10:54 बजे तक, महासप्तमी 29 सितंबर को दोपहर 12:36 बजे तक, महाअष्टमी 30 सितंबर को दोपहर 1:54 बजे तक महानवमी 01 अक्टूबर को दोपहर 2:46 बजे तक और विजयादशमी 02 अक्टूबर को दोपहर 3:06 बजे तक निर्धारित है।
कलश स्थापना व पूजा का शुभ मुहूर्त
कलश स्थापना 22 सितंबर को सुबह 06 बजे से 10:25 बजे तक, षष्ठी 28 सितंबर को दोपहर बेलभरनी निमंत्रण, महासप्तमी 29 सितंबर को रात 10 बजे निशा पूजा, महाअष्टमी 30 सितंबर को दोपहर 01 बजे से संधि पूजा, महानवमी 01 अक्टूबर को कुमारी पूजन व बलिदान दोपहर 2:46 बजे तक तथा विजयादशमी 2 अक्टूबर को पूजन दोपहर 3:06 बजे तक संपन्न होगा। वैसे अलग-अलग पंडित की मान्यता व पंचांग के समय में अंतर भी होता है।









