देवघर नगर निगम का अजीबो गरीब मामला आया सामने, टेंडर निकलने के पूर्व ही नाला व सड़क निर्माण कार्य शुरू होने का आरोप

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देवघर नगर निगम का अजीबो गरीब मामला आया सामने

टेंडर निकलने के पूर्व ही नाला व सड़क निर्माण कार्य शुरू होने का आरोप 

भाजपा जिला मंत्री चंद्रशेखर खवाड़े ने नगर आयुक्त से की मामले की जांच कराने की मांग 

देवघर। देवघर नगर निगम का एक अजीबो गरीब मामला गुरुवार को उजागर हुआ, जिसमें टेंडर निकलने के पूर्व ही नाला निर्माण कार्य किया गया है और सड़क निर्माण कार्य जारी है। इस बाबत भाजपा जिला मंत्री चंद्रशेखर खवाड़े ने एक प्रेस बयान जारी कर कहा है कि देवघर नगर निगम के नगर आयुक्त सह नगर प्रशासक की ओर से देवघर नगर निगम कार्यालय द्वारा अखबारों में बुधवार को तीन अति अल्पकालीन निविदा आमंत्रण सूचना जारी की गई है। इसमें पहले निविदा आमंत्रण सूचना संख्या 28 में कुल 43 निविदाएं, दूसरे निविदा आमंत्रण सूचना संख्या 29 में कुल 36 निविदाएं एवं तीसरे निविदा आमंत्रण सूचना संख्या 30 में कुल 27 निविदाएं हैं। उन्होंने कहा कि इसमें कई त्रुटियां दिख रही है, जो टेंडर मैनेज, ठेकेदार व अन्य लोगों को लाभ पहुंचाने की मनसा स्पष्ट दिख रही है। इसका सबसे बड़ा प्रमाण निविदा आमंत्रण सूचना संख्या 29 के 22 नंबर कॉलम में हदहदिया पुल के दुर्गा मंदिर के पीछे सड़क व नाला निर्माण कार्य का टेंडर निकाला गया है। अभी टेंडर के फार्म की बिक्री भी नहीं हुई है। जबकि टेंडर स्थल पर नाला निर्माण का कार्य पूर्ण हो चुका है और सड़क निर्माण कार्य जारी है। सभी राहगीर निर्माण कार्य देख रहे हैं। निगम के कई कर्मी प्रतिदिन उधर से गुजरते हैं। नगर निगम के अभियंत्रण शाखा के जेई, पानी  शाखा के जेई और बिजली शाखा के जेई एवं कर्मी गुजरते हैं, फिर भी निर्माण कार्य पर उनकी नजर नहीं पड़ रही है। निगम की ओर से कार्य रोकने वाला कोई नहीं है। यह जांच का विषय है कि जब निविदा कल बुधवार को ही निकली है तो निर्माण कार्य कौन करा रहा है ? क्या सारा टेंडर पहले से मैनेज है ? केवल लोगों की आंखों में धूल झोंकने के लिए नगर निगम की ओर से कुल 106 टेंडर निकाले गए हैं।

इसमें वित्तीय घोटाला के साथ-साथ कार्य की गुणवत्ता पर भी सवाल उठ रहा है। इतना बड़ा घोटाला नगर निगम के नगर आयुक्त एवं अभियंत्रण शाखा के पदाधिकारियों की मिलीभगत से ही संभव हो सकता है। देवघर के ईमानदार उपायुक्त से निवेदन है कि अपने स्तर से तीनों ग्रुपों के सभी टेंडरों की भौतिक जांच स्थल पर जाकर सड़क पहले कब बनी थी, सड़क की वर्तमान स्थिति क्या है, किसके अनुशंसा पर सड़क का पुनः टेंडर निकाला गया है आदि। उन्होंने नगर आयुक्त से वस्तुस्थिति की जांच कराने का आग्रह किया है। मुझे ऐसा लगता है कि इस जांच के दौरान निगम के और भी अन्य बड़े बड़े घोटालो का राज खुल सकता है।

Baba Wani
Author: Baba Wani

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