
झारखंड चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष सिविल सर्जन के निर्णय पर जताया आभार
कहा: सिविल सर्जन कार्यालय में आदेश का अनुपालन कब तक होगा ?
देवघर। संघ के बहु प्रतीक्षित मांग पर सिविल सर्जन देवघर डॉ युगल किशोर चौधरी द्वारा लिए गए महत्पूर्ण निर्णय पर झारखंड चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष मनोज कुमार मिश्र ने आभार व्यक्त किया है। संगठन के द्वारा लिपिक का कार्य लिपिक से कराने का और लेखा से संबंधित कार्य लेखा परीक्षा पास किए हुए लिपिक से कराने की मांग की जा रही थी। जिस पर संज्ञान लेते हुए सिविल सर्जन ने कहा कि समीक्षा के क्रम में पाया गया कि जिले के कुछ स्वास्थ्य केंद्रों में क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं के द्वारा लेखा का कार्य किया जा रहा है, जो सरकारी परिपत्र के विरूद्ध है और वित्तीय अनियमितता की सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। देवघर जिले के स्वास्थ्य विभाग के सभी निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी को निर्देश दिया जाता है कि अपने अपने संस्थानों में लेखा से संबंधित कार्य लेखा परीक्षा पास किए हुए लिपिक से ही कराना सुनिश्चित करेंगे। आपके संस्थानों में लेखा परीक्षा उत्तीर्ण लिपिक नहीं होने की स्थिति में इसकी सूचना सिविल सर्जन को देंगे ताकि वैकल्पिक व्यवस्था की जा सके। उक्त आदेश का अनुपालन नहीं करने की स्थिति में भविष्य में आपके संस्थानों में कोई वित्तीय अनियमितता होती है तो उसके जिम्मेवार आप होंगे। श्री मिश्रा ने कहा कि अब देखना है कि खुद सिविल सर्जन कार्यालय में इस आदेश का अनुपालन होता है या नहीं और यदि अनुपालन होगा तो कब? ज्ञात हो कि सिविल सर्जन कार्यालय में वर्तमान में पदस्थापित लेखा लिपिक भी लेखा परीक्षा उत्तीर्ण नहीं हैं, पच्चास वर्ष की आयु पूरी होने के बाद उन्हें बिना परीक्षा के एसीपी का लाभ तो मिलेगा लेकिन बिना लेखा परीक्षा पास किए जिले के प्रधान कार्यालय का लेखा लिपिक किसी भी परिस्थिति में नहीं मिलना चाहिए था, लेकिन नियमों को दरकिनार कर उन्हें लेखा लिपिक का प्रभार दिया गया है। यही नहीं किसी भी लिपिक संवर्ग के कर्मचारियों को कार्य करने के एक लिपिक सहयोग में देने का कोई नियम नहीं है, लेकिन यहां उन्हें सहयोगी भी मिला है।









