शिवगंगा सरोवर में प्रतिमा विसर्जन पर रोक से लोगों में आक्रोश, परंपराओं को खंडित करना प्रशासन और सरकार की गलत मनसा को दिखाता है: चंद्रशेखर

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शिवगंगा सरोवर में प्रतिमा विसर्जन पर रोक से लोगों में आक्रोश

परंपराओं को खंडित करना प्रशासन और सरकार की गलत मनसा को दिखाता है: चंद्रशेखर

देवघर। भाजपा जिला मंत्री चंद्रशेखर खवाड़े ने एक प्रेस बयान में कहा है कि अगामी दुर्गा पूजा को लेकर देवघर जिला प्रशासन द्वारा दुर्गा पूजा समितियों के साथ एक बैठक पिछले दिनों रखी गई थी। इसमें कई ऐसे निर्णय लिए गए, जो उच्च न्यायालय झारखंड के आदेशों की अवहेलना तो दिख ही रही है। साथ ही पूरी तरह से पूजा परंपरा और भक्तों की आस्था को खंडित कर खिलवाड़ करने वाला प्रतीत होता है। उन्होंने कहा कि जब नवंबर 2015 में झारखंड उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस वीरेंद्र सिंह व जस्टिस पीपी भट्ट की खंडपीठ ने जल स्रोतों के अतिक्रमण और प्रदूषण को लेकर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को मूर्ति विसर्जन के तुरंत बाद तालाबों, नदियों एवं अन्य जलस्रोतों की साफ सफाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। साथ ही सरकार को कहा गया है कि इस आशय की सूचना अविलंब राज्य के सभी नगर निगम और नगर निकायों को भी भेज दी जाए। झारखंड सरकार को इस आदेश का शक्ति से अनुपालन करने का भी निर्देश है। साथ ही तालाबों और नदियों की साफ सफाई की रिपोर्ट फोटोग्राफी के साथ कोर्ट में प्रस्तुत करने का भी निर्देश है। खंडपीठ ने मौखिक रूप से यह भी कहा है कि मूर्ति विसर्जन का मामला पूरी तरह आस्था से जुड़ा हुआ है, इसलिए किसी भी प्रकार से आस्था के साथ खिलवाड़ ना किया जाए। सरकार जल स्रोतों में मूर्ति विसर्जन को रोक नहीं सकती है। देवघर के शिवगंगा तालाब की अपनी एक पौराणिक और विशेष मान्यता भी है। यहां कई ऐसे बेदी पर पूजित होने वाली माता की प्रतिमा विसर्जन किए जाते हैं, जिनकी मूर्तियां पहले नाव बनाकर शिवगंगा में चारों ओर भ्रमण कराई जाती है और यह परंपरा लगभग 150 वर्षों से लगातार चली आ रही है। ऐसी परंपराओं को खंडित करना निश्चित रूप से प्रशासन और सरकार की गलत मनसा को दिखाता है। देवघर प्रशासन और झारखंड सरकार शिवगंगा तालाब में प्रतिमा विसर्जन होने के बाद साफ सफाई की तुरंत और समुचित व्यवस्था बनाये। मुंबई में जैसी व्यवस्था है यहां भी संभव हो सके तो सरकार व प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि जैसे ही जल स्रोतों में मूर्ति का विसर्जन होता है वैसे ही तुरंत साफ सफाई की व्यवस्था करें। झारखंड सरकार और देवघर प्रशासन अपने दायित्व का निर्वहन करने को छोड़कर हम सनातनियों की आस्था के मामले में उसे खंडित करना चाहती है। जबकि जिला प्रशासन अथवा निगम प्रशासन को जल स्रोतों के अतिक्रमण व प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए सालों भर काम करना चाहिए। जितने भी तालाब व पोखरों और नदी नालों का भूमाफियाओं द्वारा अतिक्रमण कर उन्हें बेच दिया गया है, उस पर कार्यवाही करते हुए उसका जीर्णोद्धार करना चाहिए। दुर्गा पूजा हम सनातनियों का एक महान और विशाल पर्व है। ऐसी खुशी के मौके में ध्वनि विस्तारक यंत्र अथवा डीजे बजाने पर रोक लगाना भी गलत है। आने वाले दुर्गा पूजा में सभी खुशी और सामंजस्य के साथ जिस प्रकार से बरसों से परंपरा निर्वाह करते हुए पूजा और मूर्ति विसर्जन कर रहे हैं, वैसे ही करने देने में पूजा समितियों को प्रशासन को सहयोग करना चाहिए। जिससे सनातनियों की धार्मिक भावना आहत ना हो।

Baba Wani
Author: Baba Wani

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