
हजारीबाग में पारंपरिक कार्तिक पूर्णिमा पर नरसिंह स्थान मेला हर्षोल्लास के साथ सम्पन्न — श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़, भक्तिमय माहौल में गूंजा जयकारा
भगवान नरसिंह के दर्शन के लिए उमड़ा जनसैलाब, प्रशासन ने संभाली व्यवस्था — विधायक, अधिकारी व समाजसेवियों ने की सराहना
स्थान: हजारीबाग/कटकमदाग।
हजारीबाग जिले के कटकमदाग स्थित ऐतिहासिक नरसिंह स्थान मंदिर में आयोजित पारंपरिक कार्तिक पूर्णिमा मेला बुधवार को धार्मिक आस्था और उल्लास के अद्भुत संगम के साथ संपन्न हुआ। यह मेला न केवल हजारीबाग जिले की सांस्कृतिक धरोहर है, बल्कि यह सदियों पुरानी श्रद्धा और लोक आस्था का प्रतीक भी है।
सुबह की पहली किरण के साथ ही मंदिर परिसर और सरोवर तट पर श्रद्धालुओं की अपार भीड़ उमड़ पड़ी। आस-पास के गांवों, प्रखंडों, तथा अन्य जिलों से आए लाखों श्रद्धालुओं ने पवित्र सरोवर में स्नान कर भगवान नरसिंह का दर्शन-पूजन किया।
जयकारों से गूंज उठा पूरा क्षेत्र
“जय नरसिंह भगवान” और “जय बाबा दामोदर” के जयघोष से पूरा क्षेत्र भक्तिमय वातावरण में डूब गया। मंदिर प्रांगण में बजते घंटे-घड़ियाल और भक्ति संगीत की ध्वनियों ने श्रद्धालुओं को दिव्यता से भर दिया। लोग दीपदान करते हुए अपने परिवार और समाज की समृद्धि की मंगलकामनाएँ कर रहे थे।
मेले में धार्मिक भावनाओं के साथ लोक संस्कृति की झलक भी देखने को मिली। आसपास के ग्रामीण कलाकारों ने पारंपरिक वाद्य यंत्रों पर भक्ति गीत प्रस्तुत किए, जिससे माहौल और अधिक जीवंत हो उठा।

प्रमुख अतिथियों की उपस्थिति ने बढ़ाई शोभा
इस अवसर पर स्थानीय विधायक प्रदीप प्रसाद, धार्मिक न्यास के अध्यक्ष जयशंकर पाठक, पुलिस अधीक्षक अंजनी अंजन, अपर समाहर्ता संतोष कुमार, अंचलाधिकारी जयनारायण पासवान और थाना प्रभारी प्रमोद कुमार राय सहित कई गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
सभी अतिथियों ने मेले के शांतिपूर्ण और सुसंगठित आयोजन की सराहना की। विधायक प्रदीप प्रसाद ने कहा कि “नरसिंह स्थान केवल एक मंदिर नहीं, बल्कि हजारीबाग की पहचान है। यहां की परंपरा और आस्था हमें अपने मूल संस्कारों से जोड़ती है।”
धार्मिक न्यास के अध्यक्ष जयशंकर पाठक ने कहा कि “हर वर्ष यहां की भीड़ और अनुशासन देखकर गर्व होता है। यह मेला लोगों की अटूट श्रद्धा का प्रतीक है।”
प्रशासन ने संभाली पूरी व्यवस्था
मेले में उमड़ी भारी भीड़ के बावजूद प्रशासन ने बेहतरीन प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की। पुलिस अधीक्षक अंजनी अंजन स्वयं स्थल पर पहुंचे और पूरे मेले की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने मंदिर परिसर और आस-पास के क्षेत्रों का निरीक्षण किया तथा अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
भीड़ प्रबंधन, यातायात नियंत्रण और स्वच्छता व्यवस्था के लिए पर्याप्त पुलिस बल, होमगार्ड और सफाईकर्मियों की तैनाती की गई थी। विभिन्न स्थानों पर अस्थायी पार्किंग, पानी की व्यवस्था और प्राथमिक चिकित्सा शिविर लगाए गए।
मेले में किसी प्रकार की अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली। श्रद्धालुओं ने प्रशासन और पूजा समिति के प्रयासों की भूरी-भूरी प्रशंसा की।

श्रद्धालुओं ने की व्यवस्था की सराहना
मेले में आए श्रद्धालुओं ने कहा कि इस वर्ष की व्यवस्था अत्यंत संतोषजनक और अनुशासित रही।
स्थानीय निवासी रवि कुमार मिश्रा ने कहा, “धार्मिक आस्था और प्रशासनिक अनुशासन का सुंदर संगम इस वर्ष नरसिंह स्थान मेले में देखने को मिला। भीड़ अधिक थी लेकिन व्यवस्था बहुत ही सुव्यवस्थित रही।”
श्रद्धालुओं का कहना था कि ऐसी उत्कृष्ट व्यवस्था और साफ-सफाई के कारण दर्शन में किसी प्रकार की कठिनाई नहीं हुई।
पूजा समिति और समाजसेवियों का महत्वपूर्ण योगदान
नरसिंह स्थान पूजा समिति और स्थानीय प्रशासन के संयुक्त प्रयास से इस वर्ष का मेला अत्यंत सफल रहा। समिति के अध्यक्ष भवेश कुमार मिश्र, उपाध्यक्ष ओम प्रकाश मिश्र, सचिव अजय कुमार मिश्र, उपसचिव सर्वेन्द्र कुमार मिश्र, कोषाध्यक्ष अनुराग कुमार मिश्र, उपकोषाध्यक्ष निधिष कुमार मिश्र, निरीक्षक रविन्द्र कुमार मिश्र और पूजा प्रभारी उपेन्द्र कुमार मिश्र ने अपने सहयोगियों के साथ पूरी व्यवस्था को सुव्यवस्थित रखा।
कार्यकारिणी सदस्यों में कामेश्वर मिश्र, नृसिंह मिश्र, अखिलेश मिश्र, सुमन मिश्र, कुणाल भारद्वाज, डॉ. एस.एल. मिश्र, विश्वनाथ मिश्र, अभयानंद मिश्र, जितेन्द्र मिश्र, विपुल मिश्र, रंजन मिश्र, करण मिश्र, राहुल मिश्र, राम प्रवेश मिश्रा, कुशल शर्मा, सत्यम मिश्रा, मंगलम मिश्रा, नितेश मिश्रा, रवि कांत मिश्र, इन्द्रजीत मिश्र, क्षितिज मिश्रा, अनिश मिश्रा, संजय मिश्रा, अनमोल मिश्रा, राज मिश्रा, तन्मय मिश्रा, प्रत्युष, पियुष, आरुषि, मोनू, हर्ष मिश्रा, केशव मिश्रा, अरविंद मिश्र, शैलेन्द्र मिश्र और अमित मिश्रा सहित ऋषि दामोदर के समस्त वंशजों ने मेला की व्यवस्था और सेवा कार्य में अहम भूमिका निभाई।
इन सभी ने जल वितरण, भीड़ नियंत्रण, भोजन प्रसाद वितरण, सूचना केंद्र और चिकित्सा सहायता जैसे कार्यों का दायित्व संभालते हुए सेवा भावना का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया।

प्रशासन और समिति ने जताया धन्यवाद
मेला सम्पन्न होने के बाद पूजा समिति और प्रशासन की ओर से सभी श्रद्धालुओं, स्वयंसेवकों और नगरवासियों को धन्यवाद ज्ञापन किया गया। समिति ने सभी से आग्रह किया कि इसी तरह शांति, अनुशासन और श्रद्धा के साथ आने वाले वर्षों में भी इस परंपरा को जीवित रखें।
पुलिस अधीक्षक अंजनी अंजन ने कहा, “इस वर्ष का आयोजन अनुशासन, भक्ति और प्रशासनिक समन्वय का बेहतरीन उदाहरण है। हम सभी आयोजकों और श्रद्धालुओं को धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने इसे शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न किया।”
निष्कर्ष
हजारीबाग का नरसिंह स्थान मेला केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि संस्कृति, परंपरा और सामूहिक एकता का प्रतीक बन चुका है। इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा पर संपन्न यह आयोजन न केवल श्रद्धालुओं के लिए आस्था का पर्व था, बल्कि यह प्रशासनिक दक्षता और सामाजिक सहयोग की मिसाल भी पेश करता है।
भक्ति, अनुशासन और सेवा का यह संगम आने वाले वर्षों में भी हजारीबाग की धार्मिक पहचान को और मजबूत करेगा।
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हजारीबाग के नरसिंह स्थान में कार्तिक पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं की भीड़, भक्ति और उल्लास से सम्पन्न हुआ पारंपरिक मेला — प्रशासन और समिति की सराहनीय व्यवस्था।









