
देवघर की बेटी अंशु सीए फाइनल की परीक्षा में सफलता प्राप्त कर शहर का मान बढ़ाया
देवघर। मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है। इस बात को देवघर की बेटी अंशु ने बखूबी चरितार्थ किया है। दी इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउटेंट्स ऑफ इंडिया ने रविवार को सीए की तीनों परीक्षाओं फाउण्डेशन, इंटरमीडिएट और फाइनल का परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया। जिसमें देवघर की बेटी अंशु सिंह ने अपने समर्पण और कठिन परिश्रम के बलबूते सीए फाइनल में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया और सफलता पाई। गौरतलब हो कि अंशु पूर्व में कोलकाता में रहकर तैयारी कर रहीं थीं, लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना में कोविड के कारण इनके पिता स्व अग्निहोत्री प्रसाद सिंह का साथ पूरे परिवार से छूट गया। इस विपरीत परिस्थिति में भी इन्होंने हालत के आगे हार न मानते हुए वहां से निकलकर देवघर में देवसंघ चौक स्थित अपने दादा महेंद्र नारायण सिंह जो कि भारतीय एयरफोर्स से सेवानिवृत अफसर हैं उनके पास रहकर ही पढ़ाई करने लगीं। चूंकि अचानक से हुए इस हादसे से पूरा परिवार काफी टूट गया था, फिर भी इन्होंने अपनी माता बबली सिंह सहित पूरे परिवार को सम्हाला और उनका ख्याल रखते हुए अपनी कड़ी परिश्रम और तपस्या के साथ अपने संघर्ष को जारी रखा। जिसका परिणाम आज पूरे समाज के सामने है। अंशु आज सीए अंशु बन गई। अंशु ने बातचीत में बताया कि किसी भी विद्यार्थी हेतु कोई परीक्षा कठिन या आसान नहीं होता बल्कि आपका परिश्रम और कुछ कर गुजरने का लगन आपके मार्ग को सुगम बनाता है, जिससे सफलता मिलती है। मैं उन सभी छात्रों से कहना चाहती हूं कि रिजल्ट से नहीं, हौसलों से जीत होती है, अगर दिल से चाहो और दिशा सही हो, तो कोई भी मुकाम दूर नहीं। गौरतलब हो कि अंशु ने अपने इस सफलता का श्रेय माता-पिता, दादा-दादी, बुआ-फूफा, भाई-बहन, चाचा-चाची, गुरुजन और हर उस अपने का आशीर्वाद है, जिन्होंने मुझ पर विश्वास रखा, मेरा साथ दिया और हर मोड़ पर मेरा हौसला बढ़ाया।









