
गुरु पूर्णिमा पर अखंड कीर्तन बाबा नाम केवलम का आयोजन
आचार्य परमानन्द अवधुत ने मार्ग गुरुदेव श्री श्री आनंदमूर्ति के अवतरण एवं अवदान के बारे में बताया
देवघर। गुरु पूर्णिमा के अवसर पर सोमवार को 24 घंटे का अखंड कीर्तन बाबा नाम केवलम का आयोजन किया गया। जिसका समापन आज सुबह में हुआ। आनंदमार्ग जागृति राजाबगीचा में प्रातः 5 बजे पांचजन्य के बाद जन्मोत्सव कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ। उसके बाद सम्पूर्ण हर्षोल्लास के साथ जन्मदिवस मनाया गया। जिससे पूरा भक्तिमय माहौल हो गया। इस अवसर पर आश्रम एवं शहर में घूम घूम कर प्रसाद का वितरण किया गया। कार्यक्रम में भारी संख्या में लोगों ने भाग लिया। इस अवसर पर आचार्य परमानन्द अवधुत जी ने मार्ग गुरुदेव श्री श्री आनंदमूर्ति जी के अवतरण एवं अवदान के बारे में बताया कि श्री श्री आनंदमूर्ति जी का जन्म 1921 में वैशाखी पूर्णिमा के दिन बिहार के जमालपुर में एक साधारण परिवार में हुआ था। परिवार का दायित्व निभाते हुए वे सामाजिक समस्याओं के कारण का विश्लेषण उनके निदान ढूंढने एवं लोगों को योग, साधना आदि की शिक्षा देने में अपना समय देने लगे। उसके आचार्य ब्रजगोपालनंद अवधूत जी ने संस्था के सन्दर्भ में बताया कि सन् 1955 में उन्होंने आनंद मार्ग प्रचारक संघ की स्थापना की। श्री श्री आनंदमूर्ति जी ने समझा कि जिस जीवन मूल्य (भौतिकवाद) को वर्तमान मानव अपना रहे हैं वह उनके न शारीरिक व मानसिक और न ही आत्मिक विकास के लिए उपयुक्त है। उन्होंने ऐसे समाज की स्थापना का संकल्प लिया, जिसमें हर व्यक्ति को अपना सर्वांगीण विकास करते हुए अपने मानवीय मूल्य को ऊपर उठने का सुयोग प्राप्त हो। उन्होंने कहा कि हर एक मनुष्य को शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक क्षेत्र में विकसित होने का अधिकार है और समाज का कर्तव्य है कि इस अधिकार को ठीक से स्वीकृति दें। अगर व्यक्ति का लक्ष्य समान है तो उनके बीच एकता लाना संभव है। वरिष्ठ आचार्य भावनन्द अवधूत जी ने बताया की आध्यात्मिक भावधारा का सृजन कर विश्व बंधुत्व के आधार पर एक मानव समाज की स्थापना को वास्तविक रूप दिया जाना। तत्पश्चात भुक्ति प्रधान सुनील जी ने सबों का धन्यवाद ज्ञापन किया एवं बाबा जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं दी। सम्पूर्ण कार्यक्रम का आयोजन आनंदमार्ग प्रचारक संघ देवघर के द्वारा किया गया।









