
📰 झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान ने बाबा बैद्यनाथ धाम में सपरिवार की पूजा-अर्चना
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📝 झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने बाबा बैद्यनाथ मंदिर में की पूजा | देवघर समाचार
📌 झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान ने 13 दिसंबर को सपरिवार बाबा बैद्यनाथ धाम में पूजा-अर्चना की। उपायुक्त व एसपी ने भेंट स्वरूप स्मृति चिन्ह व प्रसाद प्रदान किया।
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देवघर। झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान ने शनिवार, 13 दिसंबर को सपरिवार देवघर स्थित विश्व प्रसिद्ध बाबा बैद्यनाथ धाम पहुंचकर विधिवत पूजा-अर्चना की। मुख्य न्यायाधीश ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच बाबा बैद्यनाथ का जलाभिषेक कर देश, प्रदेश एवं न्याय व्यवस्था की मजबूती के लिए मंगलकामना की। उनके आगमन से बाबा नगरी देवघर में आध्यात्मिक वातावरण और अधिक भक्तिमय हो गया।
मुख्य न्यायाधीश के मंदिर परिसर में आगमन पर तीर्थ पुरोहितों द्वारा परंपरागत विधि-विधान से उनका स्वागत किया गया। सर्वप्रथम उन्हें संकल्प कराया गया, जिसके उपरांत विधिवत पूजा-अर्चना की प्रक्रिया प्रारंभ हुई। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच उन्होंने द्वादश ज्योतिर्लिंग के प्रतीक स्वरूप बाबा बैद्यनाथ का जलाभिषेक कर श्रद्धापूर्वक पूजा संपन्न की।
वैदिक परंपरा के अनुसार हुई पूजा
पूजा-अर्चना के दौरान मंदिर परिसर पूरी तरह आध्यात्मिक ऊर्जा से ओतप्रोत नजर आया। शंखनाद और मंत्रोच्चार के बीच मुख्य न्यायाधीश ने बाबा बैद्यनाथ से न्याय, सत्य और धर्म के मार्ग पर समाज को आगे बढ़ाने की कामना की। सपरिवार की गई इस पूजा को लेकर श्रद्धालुओं में भी विशेष उत्साह देखा गया।
प्रशासनिक अधिकारियों ने किया सम्मान
पूजा-अर्चना के पश्चात मौके पर उपस्थित उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा एवं पुलिस अधीक्षक सौरभ ने माननीय मुख्य न्यायाधीश को भेंट स्वरूप स्मृति चिन्ह, अंग वस्त्र एवं बाबा बैद्यनाथ का पवित्र प्रसाद प्रदान किया। इस अवसर पर प्रशासनिक स्तर पर भी पूर्ण गरिमा और प्रोटोकॉल का पालन किया गया।
उपायुक्त एवं पुलिस अधीक्षक ने मुख्य न्यायाधीश का देवघर आगमन को जिले के लिए गौरवपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि बाबा बैद्यनाथ धाम न केवल झारखंड बल्कि पूरे देश के श्रद्धालुओं के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र है, जहां न्यायपालिका के सर्वोच्च पद पर आसीन व्यक्ति का आगमन समाज में सकारात्मक संदेश देता है।
सुरक्षा और व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम
मुख्य न्यायाधीश के दौरे को देखते हुए मंदिर परिसर एवं आसपास के क्षेत्रों में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारी पूरी तरह मुस्तैद दिखे। श्रद्धालुओं की आवाजाही और पूजा व्यवस्था को सुचारु बनाए रखने के लिए अतिरिक्त बल की तैनाती की गई थी, जिससे पूजा कार्यक्रम शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ।
न्यायपालिका और आस्था का संगम
माननीय मुख्य न्यायाधीश का यह दौरा न्यायपालिका और भारतीय सांस्कृतिक परंपराओं के बीच गहरे जुड़ाव को दर्शाता है। बाबा बैद्यनाथ धाम में पूजा-अर्चना के माध्यम से उन्होंने यह संदेश दिया कि न्याय, नैतिकता और आध्यात्मिक मूल्यों का समन्वय समाज को सही दिशा प्रदान करता है।
विशिष्ट अधिकारी रहे उपस्थित
इस अवसर पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, अनुमंडल पदाधिकारी सह बाबा बैद्यनाथ मंदिर प्रभारी, संबंधित प्रशासनिक अधिकारी, दंडाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी एवं अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे। सभी ने पूजा कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग किया।
देवघर की धार्मिक पहचान और मजबूत
गौरतलब है कि बाबा बैद्यनाथ धाम देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में एक है और यहां प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का सपरिवार यहां पूजा-अर्चना करना देवघर की धार्मिक एवं सांस्कृतिक पहचान को और अधिक सशक्त करता है।
स्थानीय लोगों में उत्साह
मुख्य न्यायाधीश के मंदिर आगमन की सूचना मिलने के बाद स्थानीय श्रद्धालुओं और मंदिर से जुड़े लोगों में खासा उत्साह देखने को मिला। लोगों ने इसे देवघर के लिए गौरव का क्षण बताया और कहा कि इस तरह के दौरे से बाबा बैद्यनाथ धाम की वैश्विक पहचान को और बल मिलता है।
समापन
कुल मिलाकर, झारखंड उच्च न्यायालय के माननीय मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान का बाबा बैद्यनाथ धाम आगमन एक आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक रूप से महत्वपूर्ण अवसर रहा। सपरिवार की गई इस पूजा-अर्चना ने न केवल धार्मिक आस्था को मजबूत किया, बल्कि देवघर की पवित्र भूमि को एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर पर विशेष पहचान दिलाई।









