

पंडा धर्मरक्षिणी सभा के महामंत्री ने बाबा मंदिर की दर्शन व्यवस्था पर उठाया सवाल, कार्रवाई की मांग
बाबा मंदिर में दर्शन की बैकडोर व्यवस्था व व्याप्त भ्रष्टाचार का मुद्दा गरम
जिला प्रशासन पता लगाएं कि आखिर किसके इशारे पर हो रहा है इतना बड़ा खेला: निर्मल झा मंटू
देवघर। द्वादश ज्योतिर्लिंग में एक बाबा बैद्यनाथ मंदिर में व्यवस्था को दुरूस्त करने व श्रावणी मेला की तैयारी में जिला प्रशासन जुटा हुआ है। वहीं बाबा मंदिर में दर्शन की बैकडोर व्यवस्था व व्याप्त भ्रष्टाचार का मुद्दा गरम होते जा रहा है। इससे तीर्थ पुरोहितों में आक्रोश व्याप्त है। इसको लेकर कई तीर्थ पुरोहितों ने पूर्व में आवाज उठाया और अब पंडा धर्मरक्षिणी सभा के महामंत्री निर्मल झा मंटू ने बाबा मंदिर की व्यवस्था पर सवाल खड़ा किया और जिला प्रशासन से तहत तक पहुंच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।

उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से देखा गया है कि बाबा मंदिर प्रबंधन का एक कर्मचारी दर्शन करने आए श्रद्धालुओं से पैसा लेकर और नाम लिखकर बैकडोर से गर्भगृह में प्रवेश कराने का काम किया जा रहा है। यह घोर निंदनीय है और जिला प्रशासन को इस पर कड़ा रूख अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था पूर्व से चला आ रहा है और इस बाबत नये उपायुक्त सह बाबा मंदिर प्रशासक नमन प्रियेश लकड़ा, बाबा मंदिर प्रभारी सह अनुमंडल पदाधिकारी रवि कुमार और एसपी अजीत पीटर डूंगडूंग का ध्यान इस ओर आकृष्ट किया गया है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन को यह पता लगाना चाहिए कि आखिर इस भ्रष्टाचार को किसके इशारे पर अंजाम दिया जा रहा है। सोशल मीडिया के माध्यम से देखने को मिला कि बाबा मंदिर में अवैध वसूली करके नाम दर्ज कर गेट खोलकर प्रवेश कराया जा रहा है। जबकि मंदिर में सरकार के द्वारा दो व्यवस्था दी गई है एक सामान्य कतार से दर्शन दुसरा शीघ्र दर्शनम कुपन लेकर दर्शन, जबकि आए दिन देखा जा रहा है कि प्रशासनिक भवन में कार्यरत कर्मचारी के सहयोग से सैकड़ों लोगों से पैसा लेकर प्रवेश कराया जाता है और यह तीसरी व्यवस्था है। यह खेल किनके इशारे पर चल रहा है जबकि विडियो में स्पष्ट यहां कार्यरत लोगों को वसुली करते देखा जा सकता है। इससे तो सरकारी राजस्व की क्षति तो हो ही रही है साथ ही श्रधालुओं में काफी आक्रोश भी देखा जा रहा है। मेरा जिला प्रशासन से मांग है कि आने वाले कुछ दिनों में श्रावणी मेला है, समय रहते सचेत होना होगा और इस धंधे में लिप्त लोगों को अविलंब कार्य मुक्त करना होगा नहीं तो आने वाला समय भयावह रूप ले सकता है।









