
विकसित भारत बनाने के संकल्प को पूरा करने में सहायक सिद्ध होगी जातिगत जनगणना: सुमन
देवघर। भारतीय जनता पार्टी ओबीसी मोर्चा के जिला अध्यक्ष सुमन यादव ने कहा कि केंद्रीय कैबिनेट द्वारा जाति जनगणना के निर्णय पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का देवघर जिला की जनता की तरफ से आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि आजाद भारत में पहली बार आम जनगणना के साथ जाति जनगणना कराने का निर्णय केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने लिया है। यह निर्णय ऐतिहासिक है तथा 2047 के विकसित भारत बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में सहायक सिद्ध होगा। पिछले 11 वर्षों से मोदी सरकार सभी वर्गों को साथ लेकर चलने की नीति पर कार्य कर रही है। भाजपा सरकार के कार्यक्रमों, योजनाओं में मूल लक्ष्य सामाजिक न्याय और अंत्योदय मूल मंत्र रहा है। देश की जनता ने भाजपा की सच्ची नियत और कांग्रेस पार्टी के खोखले नारों में फर्क साफ साफ देखा और अनुभव किया है। कांग्रेस पार्टी की सरकारों ने काका कालेकर कमिटी की पिछड़ों से संबंधित रिपोर्ट को वर्षों तक दबाए रखा। 1977 की जनता पार्टी सरकार में जिस गठबंधन में जनसंघ शामिल था, ने मंडल कमीशन का गठन किया और आरक्षण लागू भी भाजपा समर्थित वीपी सिंह की सरकार ने ही किया। पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक मान्यता मोदी सरकार में ही मिला। झारखंड की कांग्रेस समर्थित हेमंत सरकार पंचायत चुनाव में पिछड़ों को आरक्षण से वंचित रखा और आज तक नगर निकाय में आरक्षण हेतु ट्रिपल टेस्ट नहीं करा पाई है। उन्होंने कहा कि 1931 में भारत ने आखिरी बार जाति जनगणना हुई थी। 1941 में देश पराधीन था, लेकिन जब 1951 में स्वतंत्र भारत की पहली जनगणना हुई तो पंडित नेहरू की कांग्रेस सरकार ने जाति जनगणना नहीं कराई। क्योंकि पंडित नेहरू जातिगत आरक्षण के भी प्रबल विरोधी रहे। उन्होंने तत्कालीन सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर कहा था कि जाति आधारित आरक्षण से गुणवत्ता में कमी आएगी। यह सोच कांग्रेस की पिछड़ा विरोधी इतिहास और मानसिकता को दर्शाती है। मोदी सरकार द्वारा जाति जनगणना कराने का निर्णय वंचित वर्गों को उनका हक अधिकार दिलाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। कांग्रेस पार्टी जिनकी तत्कालीन सरकार ने जाति जनगणना के लिए एक मंत्री समूह का गठन किया था लेकिन 2011 में कांग्रेस पार्टी खुद पीछे हट गई। इससे कांग्रेस पार्टी और सरकार की इच्छा शक्ति स्पष्ट होती है। सामाजिक न्याय और संविधान की बात करने वाली कांग्रेस ने बाबा साहब अम्बेडकर को भारत रत्न से वंचित रखा। उनकी मृत्यु के बाद दिल्ली में बाबा साहब की समाधि के लिए दो गज जमीन उपलब्ध नहीं कराई। कांग्रेस पार्टी के सामाजिक न्याय की सच्चाई यही है।









